IND vs WI: हार्दिक पंड्या और खिलाड़ियों की ये 5 गलतियां टीम इंडिया को ले डूबी, चमचमाता टी20 रिकॉर्ड हो गया खराब

IND vs WI: हार्दिक पंड्या और खिलाड़ियों की ये 5 गलतियां टीम इंडिया को ले डूबी, चमचमाता टी20 रिकॉर्ड हो गया खराब

भारतीय क्रिकेट टीम वेस्ट इंडीज दौरे (Indian Cricket Team West Indies Tour) पर टी20 सीरीज हार गई. पांच मैच की सीरीज में उसे 2-3 से नाकामी झेलनी पड़ी. फ्लोरिडा में खेले गए पांचवें और आखिरी मुकाबले में आठ विकेट से टीम इंडिया को शिकस्त मिली. इस हार के चलते भारत का वेस्ट इंडीज के खिलाफ टी20 रिकॉर्ड (India vs West Indies T20I Record) बिगड़ गया. न केवल भारत ने वेस्ट इंडीज में पिछले 17 साल में पहली बार तीन या इससे ज्यादा मैच की सीरीज गंवाई बल्कि 2021 के बाद पहली कोई द्विपक्षीय टी20 सीरीज उसके हाथ से निकली है. भारत ने सीरीज के दौरान कई गलतियां की जिसका खामियाजा उसे हार के रूप में चुकाना पड़ा. जानिए वेस्ट इंडीज से पांच मैच की टी20 सीरीज में हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya Captaincy) की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने कहां गड़बड़ियां की.

 

हार्दिक पंड्या की कप्तानी


वेस्ट इंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में भारतीय कप्तान ने कई बचकाना गलतियां की. कई बार गेंदबाजी में उनकी ओर से किए गए बदलाव समझ से परे रहे. तो आखिरी टी20 में पहले बैटिंग करने का फैसला भी टीम के खिलाफ गया. शुरुआत से देखा जाए तो पहले मैच में हार्दिक नंबर छह पर बैटिंग के लिए आने के बजाए पांचवें पायदान पर उतरे. यह फैसला गलत साबित हुआ और भारत आखिर में चार रन से हारा. दूसरे टी20 में चहल को उनका आखिरी ओवर तक नहीं दिया गया. उनकी जगह तेज गेंदबाजों को आक्रमण पर ले आए और यह कदम गलत साबित हुआ. भारत दो विकेट से मैच हार गया. इन गलतियों को उन्होंने तीसरे व चौथे मैच में ठीक किया लेकिन आखिरी टी20 में फिर से पुरानी गलतियां की. अक्षर पटेल को सबसे आखिर में बॉलिंग करने को मिली जबकि तीसरे-चौथे टी20 में देखा गया था कि उन्होंने पावरप्ले में बढ़िया गेंदबाजी की थी.

 

मिडिल ऑर्डर की नाकामी


भारत के लिए इस पूरी सीरीज में सूर्यकुमार यादव और तिलक वर्मा ने रन बनाए. इन दोनों ने शुरुआत में जल्दी विकेट गिरने के बाद पारी को संभाला और अहम रन जोड़े. लेकिन उनके बाद हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल और संजू सैमसन मिडिल ऑर्डर में इसका फायदा नहीं ले पाए. इससे टीम इंडिया की फिनिशिंग भी पूरी नहीं हो सकी. सैमसन और अक्षर एक भी बार 20 रन का आंकड़ा नहीं छू पाए तो हार्दिक का सर्वोच्च स्कोर 24 रन का रहा. अगर सूर्या-तिलक के रन नहीं आते तो हार का अंतर बड़ा हो सकता था.

 

ओपनर्स के नहीं आए रन


भारत को इस सीरीज में केवल एक बार ओपनर्स से बढ़िया शुरुआत मिली. चौथे टी20 में शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने 165 रन जोडे़. इसके अलावा बाकी चार मैच में 5, 16, 6 और 6 रन की पार्टनरशिप ओपनर्स से हुई. पहले दो मैचों में इशान ने शुभमन के साथ शुरुआत की थी. तीसरे मैच से यशस्वी को मौका मिला. लेकिन पांच में से चार बार जब ओपनर्स 20 रन की साझेदारी भी नहीं कर पाते हैं तब बाकी बल्लेबाजों पर बड़ा दबाव आ जाता है. भारत की नाकामी की एक बड़ी वजह यह भी रही.

 

गेंदबाजों को बैटिंग नहीं आना


भारत ने इस सीरीज में चार स्पेशलिस्ट गेंदबाज खिलाए. इसके तहत कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, मुकेश कुमार और अर्शदीप सिंह को रखा गया. एक मैच में कुलदीप को चोट लगी तो रवि बिश्नोई को उतारा गया. मगर इनमें से कोई भी बैटिंग नहीं कर सकता है. ये सभी गेंदबाज 11वें नंबर पर बैटिंग करने का रिकॉर्ड रखते हैं. भारत को पहले टी20 मुकाबले में इनके बल्लेबाजी करने के चलते हार मिली. तब आखिरी ओवर में नौ रन चाहिए थे लेकिन नहीं बने.

 

बॉलिंग में धार न होना


वेस्ट इंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में भारतीय बॉलिंग में धार की कमी साफ लगी. अर्शदीप सिंह लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. उन्हें विकेट मिले लेकिन रन भी गए. मुकेश कुमार को एक तरह से आखिरी ओवर्स के स्पेशलिस्ट के तौर पर आजमाया गया. यह उनकी पहली ही टी20 सीरीज थी तो उनमें इस फॉर्मेट के लिए अनुभव की कमी साफ दिखी. हार्दिक पंड्या ने कभी नई गेंद से बॉलिंग की तो कभी आखिरी ओवर्स में आए. कुलदीप यादव को छोड़ दिया जाए तो बाकी स्पिनर्स विंडीज बल्लेबाजों पर शिकंजा नहीं कस पाए. अक्षर की तो भूमिका ही इस सीरीज में स्पष्ट नहीं थी.

 

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