यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट करियर का आगाज शतक के साथ किया. उन्होंने डॉमिनिका में 171 रन की पारी खेली और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई. उन्हें इस खेल के लिए प्लेयर ऑफ मैच चुना गया. यशस्वी जायसवाल जब कैरेबियाई धरती पर शतक ठोक रहे थे तब उनका परिवार डॉमिनिका से 13700 किलोमीटर दूर मुंबई के पास ठाणे में नए घर में शिफ्ट हो रहा था. वहीं उनके पिता कावड़ लाने के लिए उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड गए हुए थे. जायसवाल ने ठाणे में पांच बैडरूम का नया फ्लैट खरीदा है. उनका परिवार अभी तक किराए के फ्लैट में रहता था. दो साल से परिवरा यहीं पर रह थे.
डॉमिनिका टेस्ट के दौरान पेकर्स और मूवर्स वाले जायसवाल के परिवार को नए घर में शिफ्ट होने में मदद कर रहे थे. यशस्वी काफी समय से नए घर में शिफ्ट होने के लिए कह रहे थे. वापस भारत आने पर वह पुराने घर में नहीं जाना चाहते थे. उनके भाई तेजस्वी ने दी इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'वह बार-बार हमें कह रहे थे. प्लीज जल्दी शिफ्ट हो जाओ. मैं इस घर में नहीं रहना चाहता हूं. टेस्ट मैच के दौरान भी वह हमसे शिफ्टिंग प्लांस के बारे में पूछते थे. पूरी जिंदगी उनकी एक ही तमन्ना थी कि खुद का घर हो. आपको पता है कि वह कैसे और कहां से आए हैं. वह सिर पर छत होने की अहमियत समझते हैं, विशेषकर मुंबई में.'
कावड़ यात्रा पर यशस्वी के लिए प्रार्थना कर रहे थे पिता
जायसवाल काफी मुश्किल हालात से निकलकर आगे बढ़े हैं. वे यूपी के भदोही से आते हैं और बाद में मुंबई शिफ्ट कर गए थे. यहां तंबू में रहते हुए क्रिकेट में मन लगाया और खुद को पूरी तरह झोंक दिया. बाद में वे भारत की ओर से अंडर 19 वर्ल्ड कप खेले और अब सीनियर टीम का हिस्सा हैं.
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