'मुझे लगता है कि हमें इस सीजन में असली पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) देखने को मिलेगा. वह शारीरिक तौर पर शानदार दिख रहा है. मैंने उससे बात की है जिसमें उसके बर्ताव, उसके काम करने के तरीके और जो कुछ हो रहा है उस बारे में बात की. मुझे ईमानदारी से लगता है कि यह आईपीएल में उसका सबसे बड़ा सीजन होगा. इस साल उसकी आंखों में अलग ही रूप देखने को मिल रहा है. आप देख सकते हैं कि वह पहले से ज्यादा भूखा (रनों का) है.' आईपीएल 2023 के आगाज से पहले दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने यह बयान युवा ओपनर पृथ्वी शॉ को लेकर दिया था. अब इस सीजन में दिल्ली के अभी तक के पांचों मैचों के स्कोर कार्ड को देखा जाए तो शॉ के नाम 12, 7, 0, 15 और 0 रन हैं. मतलब पांच पारियों में से दो में उनका खाता नहीं खुला है. वे दो बार दहाई का आंकड़ा पार कर सके हैं और 5 रन उनका सर्वोच्च स्कोर है.
पांच मैच के बाद पृथ्वी शॉ की औसत 6.80 और स्ट्राइक रेट 117.24 की है. उन्होंने कुल 29 गेंद खेली है और 34 रन बनाए हैं. अभी तक एक भी सिक्स वे नहीं लगा पाए हैं. छह चौके जरूर उनके बल्ले से निकले हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि जो दावा या उम्मीद पोंटिंग ने अपने युवा बल्लेबाज से लगाई थी वह पूरी होती नहीं दिख रही है. वह अपने बेस्ट प्रदर्शन के कहीं आसपास भी नहीं है. उन्होंने 2018 में आईपीएल डेब्यू किया था और तब से दिल्ली के साथ हैं. पहले सीजन में उन्होंने नौ मैच में 153.12 की स्ट्राइक रेट से 245, 2019 में 16 मैच में 133.71 की स्ट्राइक रेट से 353, 2020 में 13 मैच में 136.52 की स्ट्राइक रेट से 228, 2021 में 15 मैच में 159.13 की स्ट्राइक रेट से 479, 2022 में 10 मैच में 152.97 की स्ट्राइक रेट से 283 रन बनाए थे. 99 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है जो 2019 में आया था.
इंपैक्ट प्लेयर बनकर खेल रहे पर डाल रहे जीरो इंपैक्ट
आईपीएल 2023 में दिल्ली की टीम शॉ से फील्डिंग भी नहीं करा रही है. वह उन्हें इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर केवल बल्लेबाज के तौर पर आजमा रही है. मगर यह दांव भी शॉ के रन नहीं ला पा रहा है. शॉ के एक रन आउट को हटा दिया जाए तो चार पारियों में से तीन में वे तेज गेंदबाज के शिकार बने हैं तो एक बार स्पिनर ने उन्हें फंसाया है. तेज गेंदबाजों के खिलाफ वे एक बार बोल्ड और एक बार विकेट के पीछे कीपर के हाथों लपके गए हैं. इससे लग रहा है कि क्वालिटी पेस के सामने यह 23 साल का बल्लेबाज अपनी काबिलियत साबित नहीं कर पा रहा है.
शॉ की नाकामी से वॉर्नर भी फंसे
शॉ की बल्ले से लगातार नाकामी के चलते दिल्ली की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. टीम लगातार पांच मैच हार चुकी है और अंक तालिका में सबसे नीचे हैं. शॉ के रन नहीं आने से कप्तान डेविड वॉर्नर भी दबाव बना है और वे अपने स्वाभाविक खेल से दूर हो गए हैं. नतीजा रहा है कि उनकी स्ट्राइक रेट भी गिर गई है.
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