आईपीएल 2023 ऑक्शन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने जब अविनाश सिंह नाम के खिलाड़ी पर दांव लगाया तो कई लोग हैरान रह गए थे. बहुत कम लोगों ने इस खिलाड़ी के बारे में सुना था. अविनाश सिंह को आरसीबी ने 60 लाख रुपये में खरीदा. कोलकाता नाइट राइडर्स ने भी उन्हें लेने की कोशिश की थी. तो कौन है ये तेज गेंदबाज जिस पर आरसीबी ने इतना भरोसा जताया है.
अविनाश जम्मू से आते हैं और तेज गेंदबाज हैं. वे टेनिस बॉल क्रिकेटर हैं. अभी तक उन्होंने जम्मू कश्मीर के लिए कोई मैच नहीं खेला है. 10 महीने पहले ही उन्होंने लेदर गेंद से बॉलिंग शुरू की है. अविनाश ने आईपीएल ऑक्शन से पहले कई टीमों के लिए ट्रायल दिए. इसके तहत आरसीबी, केकेआर, लखनऊ सुपर जाएंट्स और दिल्ली कैपिटल्स जैसी टीमें शामिल थीं. आरसीबी के ट्रायल में उन्होंने छाप छोड़ी थी. उनकी सबसे तेज गेंद 154.3 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली थी. आरसीबी चाहती थी कि वे ऑक्शन में शामिल हों जबकि बाकी टीमें उन्हें नेट बॉलर के रूप में रखने को तैयार थी. आरसीबी की वजह से ही उन्होंने ऑक्शन के लिए नाम भेजा.
फरवरी 2022 में अविनाश अपने दोस्तों के साथ जम्मू कश्मीर के पूर्व खिलाड़ी मयंक गोस्वामी की एकेडमी में गए. यहां उन्होंने पहली बार लेदर बॉल से बॉलिंग की. जब गोस्वामी ने उनकी बॉलिंग देखी तो वे हैरान रह गए. इंडियन एक्सप्रेस को गोस्वामी ने बताया, 'मेरी तो आंखें फटी रह गई. मैंने दो और कोच से बात की. वे भी चकित थे.'
पिता हैं ऑटो ड्राइवर
गोस्वामी ने उनसे एकेडमी जॉइन करने को कहा लेकिन अविनाश ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. उन्होंने ऐसा घर की पारिवारिक स्थिति के चलते किया. अविनाश के पिता अशोक सिंह ऑटो ड्राइवर हैं. घर में केवल वे ही कमाने वाले हैं. बाद में गोस्वामी ने अविनाश के पिता से बात की और उनसे एक साल का वक्त मांगा था.
फौज में जाना चाहते थे अविनाश
24 साल के अविनाश क्रिकेटर बनने से पहले फौज में जाना चाहते थे. उन्होंने इसके लिए कोशिशें भी कीं. दिसंबर 2021 में वे फौज के फिजिकल टेस्ट में फेल हो गए थे. इसके बाद वे कमाई के लिए कनाडा जाना चाहते थे. उनके पिता ने वीजा और बाकी खर्चों के लिए लोन भी लिया था. जब आईपीएल 2023 ऑक्शन के शुरुआती राउंड्स में अविनाश का नाम नहीं आया तब उनके पिता को लगा कि शायद उनके बेटे पर बोली नहीं लगेगी.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, ऑक्शन में नाम न आता देखकर अशोक सिंह ने बेटे से कहा, 'चल, क्रिकेट का बुखार उतार और कनाडा निकल.' लेकिन अविनाश को भरोसा था कि बोली में उनका नाम आएगा और उन्हें टीम मिल जाएगी. और ऐसा ही हुआ.