भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने पिछले साल 18 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करके सभी को चौंका दिया था. अब उन्होंने अपने रिटायरमेंट को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि वह भारत में अपना आखिरी मैच खेलना चाहते थे, मगर ऐसा नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा कि वह पिछले साल मार्च में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के आखिर में संन्यास लेना चाहते थे.चेन्नई सुपर किंग्स की किताब ‘लियो-द अनटोल्ड स्टोरी’ के लॉन्च में शामिल हुए अश्विन का कहना है कि उन्होंने दिग्गज भारतीय कप्तान एमएस धोनी को धर्मशाला में अपने 100वें टेस्ट (7-11 मार्च, 2024) के लिए आमंत्रित किया था, ताकि धोनी के हाथों से उन्हें स्मृति चिन्ह मिले, क्योंकि वह उस मैच को टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच बनाना चाहते थे.
अश्विन ने स्पोर्टस्टार से कहा-
मैंने अपने 100वें टेस्ट के लिए एमएस धोनी को स्मृति चिन्ह सौंपने के लिए आमंत्रित किया था.मैं इसे अपना आखिरी टेस्ट बनाना चाहता था,लेकिन वह नहीं आ सके.
इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज अश्विन इंग्लैंड के खिलाफ अपना 100वां टेस्ट मैच खेले थे. उन्होंने पहली पारी में 51 रन पर 4 विकेट लिए और दूसरी पारी में 77 रन पर पांच विकेट लेकर भारत को पारी और 64 रन से बड़ी जीत दिलाने में अहम योगदान दिया.
ब्रिस्बेन टेस्ट के बाद संन्यास का किया था ऐलान
घरेलू फैंस के सामने इंग्लैंड पर भारत की 4-1 की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद अश्विन सितंबर-अक्टूबर में बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट, अक्टूबर-नवंबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट और दिसंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट खेले. उन्हें ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया था और फिर मैच खत्म होने के साथ ही उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया.
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