भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने गेंदबाजों की जगह बल्लेबाजों को ज्यादा क्रेडिट दिए जाने पर खरी बात कही है. उनका कहना है कि अब जमाना गेंदबाजों का है. बल्लेबाजों को लेकर दीवानगी बंद होनी चाहिए. भारत के इस पूर्व क्रिकेटर का मानना है कि गेंदबाजों के विकेट लेने से ही किसी टीम की जीत की संभावना बनती है. गंभीर ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले यह बयान दिया. यह सीरीज 16 अक्टूबर से बेंगलुरु में शुरू होनी है.
गंभीर ने मीडिया से बात करते हुए गेंदबाजों को मैच के नतीजे के लिहाज से सबसे अहम बताया. उन्होंने कहा कि उनके विकेट लेने से ही टूर्नामेंट जीते जाते हैं. गंभीर ने कहा, 'यह गेंदबाजों का जमाना है. बल्लेबाज केवल मैच बना सकते हैं. बहुत जरूरी है कि हमारा बल्लेबाजों को लेकर दीवानगी वाला रवैया बंद हो. अगर बल्लेबाज 1000 रन बनाते हैं तो कोई गारंटी नहीं है कि टीम टेस्ट मैच जीतेगी लेकिन अगर गेंदबाज 20 विकेट लेते हैं तो 99 फीसदी गारंटी है कि हम मैच जीतेंगे. फिर चाहे टेस्ट मैच हो या कोई और फॉर्मेट. गेंदबाज आपको टूर्नामेंट जिताते हैं. इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि यह जमाना या आने वाला, हम बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों के बारे में बात करेंगे. और मैं उम्मीद करता हूं कि समय के साथा मानसिकता बदलेगी.'
गंभीर ने पहले भी की थी बॉलर्स की तरफदारी
गंभीर पहले भी गेंदबाजों की तरफदारी कर चुके हैं. उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि भारत एक ऐसा देश हैं जहां बल्लेबाजों की दीवानगी ज्यादा है लेकिन आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे बॉलर्स इस मानसिकता को बदल रहे हैं. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले कहा था, 'भारत बल्लेबाजी पर आसक्त देश है. लेकिन बुमराह, अश्विन और जडेजा इसे बदल रहे हैं. बुमराह टेस्ट क्रिकेट में चतुर है. बहुत अच्छी बात है कि ये लोग ट्रेंड को बदल रहे हैं. बुमराह दुनिया का सबसे अच्छा तेज गेंदबाज है जो खेल के किसी भी स्तर पर अंतर डाल सकता है.'