रवींद्र जडेजा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट के पहले दिन टीम इंडिया के आठ गेंद में तीन विकेट गंवाने पर हैरत जताई. उन्होंने कहा कि इसकी उम्मीद नहीं थी. भारतीय टीम ने 235 के स्कोर पर न्यूजीलैंड को समेटने के बाद यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल के दम पर अच्छी स्थिति हासिल कर थी. लेकिन दिन के आखिरी दो ओवर में उसकी बैटिंग लड़खड़ा गई. पहले जायसवाल रिवर्स स्वीप करते हुए बोल्ड हुए. नाइट वॉचमैन के तौर पर भेजे गए मोहम्मद सिराज पहली ही गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए. उन्होंने एक रिव्यू भी गंवाया. आखिरी ओवर में विराट कोहली ने बचकाना खेल दिखाते हुए रन आउट होकर विकेट गंवा दिया. इससे भारत का स्कोर एक विकेट पर 78 से चार विकेट पर 84 रन हो गया.
जडेजा ने दिन का खेल होने के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए आखिरी 15 मिनट के खेल के बारे में कहा, 'इसकी उम्मीद नहीं थी. लेकिन सही से फैसले ले पाने और सही तरह से कम्युनिकेशन नहीं होने की घटनाएं हो जाती हैं. हमारे पास कल (दूसरे दिन) है. हमें छोटी-छोटी साझेदारियां करनी होगी और स्कोर को 235 से आगे ले जाना होगा.' भारत ने पहले दिन के खेल का अंत चार विकेट पर 86 रन के साथ किया. अभी वह पहली पारी के आधार पर न्यूजीलैंड से 149 रन से पीछे हैं. गिल और ऋषभ पंत दूसरे दिन भारत की बैटिंग को आगे बढ़ाएंगे.
इशांत-जहीर से आगे निकले जडेजा
जडेजा ने मुंबई टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट लिए जिससे भारत ने न्यूजीलैंड को बड़े स्कोर से रोक दिया. बाएं हाथ के इस फिरकी बॉलर ने 14वीं बार टेस्ट में एक पारी में पांच विकेट लिए. साथ ही उन्होंने भारत की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने में इशांत शर्मा और जहीर खान को पीछे छोड़ा. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'भारत के लिए पांच विकेट लेना हमेशा अहम रहता है. मुझे लगता है कि जब टीम को जरूरत थी तब मैंने विकेट लिए. इस गर्मी में खेलना आसान नहीं था. वाशी (वाशिंगटन सुंदर) ने भी अच्छी बॉलिंग की और सबने अपना काम अच्छे से किया. अब हमारे बल्लेबाजों को मिलकर अच्छा करना होगा.'
जडेजा ने बताया मुंबई में कैसे निकाले विकेट
जडेजा ने जहीर और इशांत को पछाड़ने के बारे में कहा कि जब वह घर पर होते हैं तभी आंकड़े देखते हैं. जब सीरीज खेल रहे होते हैं तब ऐसा नहीं करते. अच्छी बात है कि वह आगे बढ़ रहे हैं और विकेट ले पा रहे हैं. उन्होंने वानखेडे स्टेडियम की पिच पर बॉलिंग के बारे में कहा, 'मुझे लगा कि यहां पर स्पीड में मिश्रण करना होता है. विकेट में बाउंस है लेकिन ऊपरी सतह से ज्यादा मदद नहीं मिल रही. जब तक कंधे का ज्यादा जोर नहीं लगाया जाता तब तक मुश्किल होती है. यहां गेंद धीमी नहीं होनी चाहिए.'
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