IND vs NZ: रोहित शर्मा WTC फाइनल का सवाल सुनकर हो गए आहत, बोले- मुझे चोट पहुंची है क्योंकि...

IND vs NZ: रोहित शर्मा WTC फाइनल का सवाल सुनकर हो गए आहत, बोले- मुझे चोट पहुंची है क्योंकि...
India's captain Rohit Sharma attends a press conference at the M.A. Chidambaram Stadium in Chennai

Highlights:

भारत लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने की रेस में है.

अभी डब्ल्यूटीसी पॉइंट्स टेबल में भारत ही सबसे ऊपर है.

भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट में 113 रन से हार मिली. इसके साथ ही उसने पहली बार इस टीम के खिलाफ घरेलू सीरीज गंवा दी. यह भारतीय टीम की 2012 के बाद घर पर पहली हार रही. इस नतीजे ने टीम इंडिया के लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने की संभावना को तगड़ी चोट पहुंची है. हालांकि अभी डब्ल्यूटीसी पॉइंट्स टेबल में भारत ही सबसे ऊपर है लेकिन उसे फाइनल में जाने के लिए अब बाकी बचे छह में से चार टेस्ट जीतने होंगे. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से पुणे टेस्ट के बाद पत्रकारों ने टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल पहुंचने को लेकर सवाल किया. उन्होंने कहा कि वे अभी इसके बारे में ज्यादा सोच नहीं रहे.

रोहित ने कहा कि वे डब्ल्यूटीसी फाइनल के बारे में सोचने की जगह इस टेस्ट सीरीज में हारने से आहत हैं. खराब खेल की वजह से ऐसा हुआ. यह सामूहिक नाकामी है. उन्होंने कहा, 'मुझे चोट पहुंची है क्योंकि हम लोग अपनी योजनाओं को सही से लागू नहीं कर पाए. मैं अभी डब्ल्यूटीसी के बारे में नहीं सोच रहा क्योंकि हमारा ध्यान तीसरे टेस्ट पर है और उस मैच को जीतना चाहते हैं.'

भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है जहां पांच टेस्ट की सीरीज खेली जाएगी. डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिहाज से यह सबसे अहम रहने वाली है.

रोहित बोले- न्यूजीलैंड ने नहीं दिया मौका

 

भारतीय टीम पुणे टेस्ट की पहली पारी में 156 रन ही बना सकी थी. इसके बाद उसके लिए वापसी करना बहुत मुश्किल हो गया. कप्तान रोहित ने हार के बाद इस गलती की तरफ संकेत किया. साथ ही कहा कि वे दूसरी पारी में जीत के मकसद से उतरे थे लेकिन मेहमान टीम ने मौके नहीं दिए. रोहित ने माना कि उन्हें टीम इंडिया के लक्ष्य को हासिल करने पर भरोसा था लेकिन न्यूजीलैंड ने लगातार दबाव बनाए रखा जिससे कामयाबी नहीं मिली. उन्होंने कहा, हम यह सोचकर आए थे कि लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. लेकिन दोनों तरफ से लगातार दबाव बना रहा. इसका नतीजा यह रहा कि उन चुनौतियों का जवाब नहीं दे सके.