9 मैच में लिए 23 विकेट तो CSK से मिला बुलावा, एसोसिएशन ने नहीं जाने दिया, कोच से हुए मतभेद तो छोड़ी टीम, अब किए 10 शिकार

9 मैच में लिए 23 विकेट तो CSK से मिला बुलावा, एसोसिएशन ने नहीं जाने दिया, कोच से हुए मतभेद तो छोड़ी टीम, अब किए 10 शिकार
गौरव यादव (बाएं) की एमपी को रणजी चैंपियन बनाने में अहम भूमिका रही है.

Highlights:

गौरव यादव 2022 में रणजी ट्रॉफी जीतने वाली मध्य प्रदेश टीम का हिस्सा थे.

गौरव यादव ने 2022 रणजी ट्रॉफी में 5 मैच में 23 विकेट लिए थे.

तेज गेंदबाज गौरव यादव इस सीजन से घरेलू क्रिकेट में पुडुचेरी के लिए खेल रहे हैं. वह पहले मध्य प्रदेश के लिए खेलते थे. इस टीम ने 2022 में जब पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने का कमाल किया था तब गौरव का अहम योगदान था. उन्होंने पांच मैच में 23 विकेट लिए थे. लेकिन अब इस खिलाड़ी ने टीम के कोच चंद्रकांत पंडित और मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से अनबन के चलते पुडुचेरी का दामन थाम लिया. इस टीम के लिए रणजी ट्रॉफी 2024 के पहले ही मुकाबले में उन्होंने 10 विकेट लिए और दिल्ली जैसी मजबूत टीम के खिलाफ जीत दिलाई.

 

गौरव ने दिल्ली के खिलाफ मुकाबले में पहली पारी में सात विकेट लिए. उन्होंने 62.5 ओवर्स में से 26.5 ओवर फेंके. उन्होंने अपने ओवर्स केवल दो स्पैल में डाले. एक बार 13 तो दूसरे में 13.5 ओवर. पुडुचेरी को खेलने को लेकर उन्होंने दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'अपना घर छोड़ना और खेलना आसान नहीं होता. हम अच्छा कर रहे थे और चैंपियन टीम थे. मैं उस सीजन में तेज गेंदबाजों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला बॉलर था और फाइनल में मैंने छह शिकार किए थे.' मध्य प्रदेश ने जब 2022 में पहली बार रणजी ट्रॉफी जीती तब गौरव, आवेश खान, कुलदीप सेन, कुमार कार्तिकेय, सारांश जैन और अनुभव अग्रवाल ने मिलकर कमाल की बॉलिंग यूनिट बनाई थी. अब गौरव के साथ कुलदीप भी एमपी छोड़ चुके हैं. कुलदीप तमिलनाडु से जुड़ गए.

 

'MPCA ने आईपीएल में नहीं जाने दिया'

 

गौरव का कहना है कि मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें आईपीएल टीमों के साथ बतौर नेट गेंदबाज जाने की अनुमति नहीं दी. साथ ही अपनी लिस्ट ए और टी20 टीमों में भी नहीं चुना. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैंने 2019-20 विजय हजारे ट्रॉफी में नौ मैच में 23 विकेट लिए थे. अगले सीजन उन्होंने मुझे सफेद गेंद क्रिकेट की किसी स्क्वॉड में नहीं चुना. सीएसके ने मुझे 2021 में कई बार बुलाया. वे चाहते थे कि मैं नेट बॉलर के रूप में उनके साथ यूएई जाऊं लेकिन एसोसिएशन ने अनुमति नहीं दी. सीएसके ने मेल लिखा लेकिन एमपीसीए ने कहा कि मैं उपलब्ध नहीं हूं. मैंने सीएसके को मना कर दिया. वे मुझे ट्रायल के लिए भी नहीं जाने देते थे.'

 

 

चंद्रकांत पंडित से नहीं बनी बात

 

गौरव की मशहूर कोच चंद्रकांत पंडित से भी पटरी नहीं बैठी. पंडित के कोच रहते ही एमपी ने रणजी विजेता बनने की उपलब्धि हासिल की थी. गौरव का कहना है कि कोच के साथ सही नहीं चल रहा था. वे सफेद गेंद के क्रिकेट में मौके नहीं दे रहे थे. इसके बाद उन्होंने वेंकटेश अय्यर के जरिए पुडुचेरी से बात की. यहां उन्हें मंजूरी मिल गई और उन्होंने एमपी की टीम छोड़ दी. दाएं हाथ के तेज गेंदबाज गौरव ने 3 फर्स्ट क्लास मैच में 110 विकेट लिए हैं तो 23 लिस्ट मैचों में 48 और 14 टी20 मैच में 10 विकेट ले चुके हैं.

 

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