मुंबई रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंच गई. उसने तमिलनाडु को सेमीफाइनल में पारी और 70 रन से हराकर 48वीं बार रणजी फाइनल में जगह बनाई. उसकी जीत के हीरो शार्दुल ठाकुर और शम्स मुलानी रहे. ठाकुर ने ऑलराउंड खेल दिखाया और शतक लगाने के साथ ही मैच में चार विकेट लिए. मुलानी ने दूसरी पारी में चार विकेट लेकर तमिलनाडु को सस्ते में समेट दिया. मुंबई ने एक बार बैटिंग की और 378 रन का स्कोर बनाया. साई किशोर की कप्तानी वाली तमिलनाडु की टीम इस मुकाबले में पहली पारी में 146 पर सिमटने के बाद दूसरी बारी में 162 पर ढेर हो गई.
अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेल रही मुंबई सबसे ज्यादा 41 बार रणजी ट्रॉफी विजेता टीम है. उसके पास अब 42वीं बार ऐसा करने का मौका होगा. खिताबी मुकाबले में उसकी टक्कर विदर्भ या मध्य प्रदेश से होगी जो पहले सेमीफाइनल में टकरा रहे हैं. रणजी ट्रॉफी का फाइनल 10 मार्च से मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में खेला जाएगा. मुंबई ने आखिरी बार 2015-16 में रणजी ट्रॉफी जीती थी. इसके बाद से उसने 2016-17 और 2021-22 में फाइनल खेला लेकिन पहले गुजरात और फिर मध्य प्रदेश से शिकस्त मिली.
तमिलनाडु की बात करें तो उसने आखिरी बार 1987-88 में रणजी ट्रॉफी जीती थी. तब उसने रेलवे को हराया था. इसके बाद से तमिलनाडु की टीम ने 1991-92, 1995-96, 2002-03, 2003-04, 2011-12, 2014-15 में फाइनल खेला लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी.
शार्दुल के आगे तमिलनाडु का टॉप ऑर्डर खत्म
मैच के तीसरे दिन मुंबई की टीम 378 रन पर सिमट गई. उसने कल के स्कोर 9 विकेट पर 353 में 25 रन जोड़े. तनुष कोटियान 89 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि तुषार देशपांडे 26 रन बनाकर वाशिंगटन सुंदर के शिकार बन गए. इसके जवाब में तमिलनाडु का टॉप ऑर्डर शार्दुल ठाकुर की बॉलिंग के आगे घुटने टेक बैठे. साई सुदर्शन (5), नारायण जगदीशन (0) और वाशिंगटन सुंदर (4) दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए. पहले दोनों विकेट ठाकुर ने लिए तो सुंदर को मोहित अवस्थी ने रवाना किया. ये तीनों विकेट 10 के स्कोर पर गिर गए.
इंद्रजीत के अलावा कोई नहीं लगा सका अर्धशतक
बाबा इंद्रजीत (70) और प्रदोष रंजन पॉल (25) ने मिलकर चौथे विकेट के लिए हाथ मिलाए और 73 रन की साझेदारी करते हुए टीम को संभालने की कोशिश की. कोटियान ने इस साझेदारी को तोड़ा और मुंबई को चौथी कामयाबी दिलाई. विजय शंकर ने 24 रन बनाए तो कप्तान साई किशोर ने 21 रन बनाए लेकिन ये पारियां तमिलनाडु को हार से नहीं बचा सकी. उसे बड़े रनों की जरूरत थी लेकिन तमिलनाडु के बल्लेबाज लगातार दूसरी पारी में ऐसा करने में नाकाम रही. 153 के स्कोर पर छह विकेट गंवाने के बाद तमिलनाडु के निचले क्रम के बल्लेबाज भी ज्यादा टक्कर नहीं दे पाए. उसने आखिरी पांच विकेट केवल नौ रन में गंवा दिए. इनमें से तीन कामयाबी मुलानी ले गए. उन्होंने 53 रन देकर चार शिकार किए.
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