इंग्लैंड टीम के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स अपना अंतिम वनडे खेलने मंगलवार (19 जुलाई)को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उतरे. उन्होंने 2019 के विश्वकप में इंग्लैंड को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने लगातार हो रहे क्रिकेट पर निशाना साधते हुए कहा कि क्रिकेटर्स कार नहीं होते उन्हें आराम चाहिए होता है. बेन स्टोक्स ने कहा था कि वे इस फॉर्मेट में पूरा योगदान टीम को नहीं दे पा रहे. साथ ही उनका शरीर भी साथ नहीं दे रहा इसी वजह से संन्यास ले रहे हैं.
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान स्टोक्स ने 104 एकदिवसीय मुकाबलों में 2919 रन बनाने के अलावा 74 विकेट भी चटकाए. उन्हें लॉर्ड्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप फाइनल में उनके ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा. उनके नाबाद 84 रन की मदद से इंग्लैंड की टीम अपना पहला 50 ओवर का विश्व खिताब जीतने में सफल रही थी.
शरीर के ध्यान रखने पर स्टोक्स का जोर
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे मुकाबले से पहले बेन स्टोक्स ने स्काय स्पोर्ट्स से बात की और संन्यास के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अब वे अपना सौ प्रतिशत नहीं दे पाएंगे. कप्तान जॉस बटलर को उनका विकल्प ढूंढना होगा. उन्होंने कहा, “क्रिकेटर्स कार की तरह नहीं होते, उन्हें भी आराम की जरूरत होती है. संन्यास लेना उनके लिए बहुत कठिन फैसला था. टेस्ट टीम का कप्तान होने के नाते मुझे अपना बेस्ट मैदान में दिखाना होगा. जिस हिसाब से मुझे क्रिकेट खेलनी है उसके मुताबिक मुझे अपने शरीर का ध्यान रखना होगा.”
'खिलाड़ी कार नहीं की पेट्रोल डाला और शुरू हो गए'
उन्होंने कहा, “मैं ये देख रहा हूं कि जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड का करियर उनके वनडे और टी-20 क्रिकेट से हटने के बाद किस तरह चल रहा है. मैं देश के लिए 140 या 150 टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं. जब में 35 या 36 साल का हो जाउंगा उस वक्त मैं अपने इस फैसले पर गर्व करूंगा. एक खिलाड़ी के तौर पर हर किसी को अपना सौ प्रतिशत देना होता है. लेकिन कोई भी खिलाड़ी कार नहीं होता कि जब पेट्रोल डाला और काम शुरू. शेड्यूल बहुत उलझा हुआ होता है, ऐसे में बोर्ड ये चाहता है कि खिलाड़ी मैदान में अपना सौ प्रतिशत दे. ऐसे में कैसे कोई खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा.”