ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम में खलबली मची हुई है. रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे सीनियर बल्लेबाजों को टेस्ट फॉर्मेट से बाहर किए जाने की बातें हो रही हैं तो खिलाड़ियों में एकजुटता और अनुशासन की कमी के चलते भारतीय बोर्ड सख्त कदम उठा रहा है. इस बीच कोचिंग स्टाफ के रवैये पर भी सवाल हैं. गौतम गंभीर के नेतृत्व वाला कोचिंग स्टाफ खिलाड़ियों को टेस्ट की चुनौतियों के लिए तैयार नहीं कर पा रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर की नौकरी खतरे में है. उन पर बल्लेबाजों के खेल में सुधार का जिम्मा है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा. पहले घर पर न्यूजीलैंड से 3-0 से टेस्ट में हार मिली और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 3-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी. इन नतीजों ने टीम इंडिया को तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जाने से रोक दिया.
मुंबई से आने वाले अभिषेक नायर ने गौतम गंभीर के साथ ही भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ का काम संभाला था. वे इससे पहले आईपीएल फ्रेंचाइज कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ कई सालों से काम कर रहे थे. यहां पर भी वे असिस्टेंट कोच थे. गंभीर जब केकेआर के मेंटॉर बने तब भी वे उनके साथ थे. जब बीसीसीआई ने गंभीर को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का हेड कोच बनाया तो नायर भी उनके साथ आए. लेकिन अब लगातार दो टेस्ट सीरीज में भारतीय बैटिंग के नाकाम रहने के बाद उनकी भूमिका पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं. यही वजह है कि बीसीसीआई ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टी20-वनडे सीरीज में सितांशु कोटक को बैटिंग कोच नियुक्त किया है.
अभिषेक नायर की नौकरी क्यों बची है?
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से लिखा, 'यह साफ है कि अभिषेक नायर की विशेषज्ञता से खिलाड़ियों को मदद नहीं मिल रही. कोटक काफी लंबे समय से स्पेशलिस्ट बैटिंग कोच रहे हैं और उन पर खिलाड़ी भरोसा भी करते हैं.' बहुत से लोगों का मानना है कि नायर की भारतीय टीम के एक बहुत प्रभावशाली सीनियर खिलाड़ी से दोस्ती हैं. उनकी नियुक्ति में भी उसका रोल रहा था. जब तब वह खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहा है तब तक अभिषेक बचे रह सकते हैं.