भारत पर 91 साल में पहली बार तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का खतरा मंडरा रहा है. न्यूजीलैंड की टीम शुरुआती दो मैच जीतकर पहले ही सीरीज पर कब्जा जमा चुकी है. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम की नजर क्लीन स्वीप से बचने की है, मगर वानखेड़े में भी रोहित शर्मा की सेना मेहमान टीम पर बड़ी बढ़त हासिल नहीं कर पाई. ऐसे में उस पर हार का खतरा मंडरा रहा है. न्यूजीलैंड की 235 रन की पारी के जवाब में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 263 रन ही बना सकी और 28 रन की ही बढ़त हासिल कर पाई. इस सीरीज में भारतीय टीम पहली बार बढ़त हासिल कर पाई है. शुभमन गिल और ऋषभ पंत के अलावा कोई भारतीय बल्लेबाज नहीं चल पाया. दोनों के अलावा वाशिंगटन सुंदर ने नॉटआउट 38 रन बनाए.
भारत की बल्लेबाजी बिखरी
पंत और गिल की जोड़ी को ईश सोढ़ी ने तोड़ा. उन्होंने पंत की पारी को 60 रन पर रोक दिया और भारत को 180 रन पर पांचवां झटका दे दिया. इस पार्टनरशिप के टूटने के बाद भारत की पारी ढह गई. एक छोर पर गिल जमे रहे, मगर दूसरे छोर पर ना तो रवींद्र जडेजा उनका साथ दे पाए और ना ही सरफराज खान. सरफराज तो खाता तक नहीं खोल पाए. गिल भी 90 रन बनाकर आउट हो गए. पटेल ने उन्हें शतक पूरा करने नहीं दिया. गिल जब पवेलियन लौटे, उस वक्त भारत का स्कोर 8 विकेट पर 227 रन हो गया था. इसके बाद वाशिंगटन सुंदर एक छोर पर टिके हुए थे, मगर दूसरे छोर पर पटेल ने आर अश्विन को आउट कर दिया और फिर आकाशदीप रन आउट हो गए.
भारतीय टीम अगर मुंबई टेस्ट गंवा देती है तो भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार होगा जब टीम का 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप होगा. भारत 1932 से टेस्ट मैच खेल रहा है. 1933 में उसने पहली घरेलू सीरीज खेली थी. तब से भारत अपने घर में 3 या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में सारे मैचों में नहीं हारा.
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