करुण नायर ने 752 की औसत से रन बनाने के बाद टीम इंडिया में वापसी पर तोड़ी चुप्पी, बोले- मेरे बस में नहीं कि...

करुण नायर ने 752 की औसत से रन बनाने के बाद टीम इंडिया में वापसी पर तोड़ी चुप्पी, बोले- मेरे बस में नहीं कि...
विजय हजारे ट्रॉफी में अर्धशतक ठोकने के बाद करुण नायर

Highlights:

करुणा नायर भारत के लिए टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे ही बल्लेबाज हैं.

करुण नायर आठ साल पहले आखिरी बार भारत के लिए खेले थे.

करुण नायर ने भारत के लिए छह टेस्ट और दो वनडे मुकाबले खेले हैं.

भारतीय बल्लेबाज करुण नायर ने विजय हजारे ट्रॉफी में रनों की बारिश कर सबको हैरान कर दिया. विदर्भ के लिए खेल रहा यह बल्लेबाज सात पारियों में 752 की औसत से 752 रन अभी तक बना चुका है. पांच शतक और एक अर्धशतक उनके बल्ले से आया है. इस प्रदर्शन के बाद करुण नायर को भारतीय टीम में शामिल करने की मांग उठ रही है. कहा जा रहा है कि उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुनी जाने वाली टीम इंडिया में लेना चाहिए. करुण से भी वापसी को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सब कुछ उनके बस में नहीं है. 

करुण नायर आठ साल पहले आखिरी बार भारत के लिए खेले थे. वे भारत के लिए टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे ही बल्लेबाज हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से टीम इंडिया में वापसी के बारे में कहा, ‘भारत के लिए खेलने का सपना हमेशा रहा है. वह सपना अभी भी पल रहा है. हम इसी के लिए खेलते हैं. एकमात्र लक्ष्य देश के लिए खेलना है. मुझे लगता है कि यह मेरी तीसरी वापसी है. मुझे इस लय को जारी रखना है. हर मैच में रन बनाने हैं. मैं इतना ही कर सकता हूं. सब कुछ मेरे हाथ में नहीं है. जब तक चयन नहीं होता, यह सपना ही है. लेकिन मैं एक समय पर एक ही पारी पर फोकस करना चाहूंगा.’

करुण नायर ने कैसे की रनों में वापसी

 

33 साल के करुण नायर से जब पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्या किया जिसके जरिए रनों का अंबार लगाया, उनका जवाब था, मैंने कुछ अलग नहीं किया. कोई राज नहीं है. यह बरसों की मेहनत और सब्र का फल है. हर दिन मैं एक नई चुनौती की तरह लेता हूं और कोशिश करता हूं कि अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकूं.’

करुण नायर का टेस्ट-वनडे करियर

 

करुण ने भारत के लिए छह टेस्ट और दो वनडे मुकाबले खेले हैं. टेस्ट में 62.33 की औसत से 374 रन उनके नाम है तो वनडे में 46. वे घरेलू क्रिकेट में पहले कर्नाटक के लिए खेला करते थे लेकिन यहां से बाहर किए जाने के बाद विदर्भ चले गए और वहां खेलने लगे.