'उसे एक टीम दो ताकि वह सर्जिकल स्ट्राइक कर सके', जसप्रीत बुमराह की फिटनेस पर BCCI को भारत के पूर्व कोच से मिली सलाह

'उसे एक टीम दो ताकि वह सर्जिकल स्ट्राइक कर सके', जसप्रीत बुमराह की फिटनेस पर BCCI को भारत के पूर्व कोच से मिली सलाह
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के मैनचेस्टर टेस्ट में खेलने पर सस्पेंस (Photo: Reuters )

Story Highlights:

बीसीसीआई अभी जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर काम कर रही है.

जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड दौरे पर पांच में से तीन ही टेस्ट खेलेंगे.

जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट अभी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की प्राथमिकताओं में शामिल है. इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया के साथ गए इस सुपरस्टार तेज गेंदबाज को खिलाने को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है. पांच में से वे तीन ही टेस्ट खेलेंगे. अभी तक पहला और तीसरा मैच खेल चुके हैं. माना जा रहा है कि वे चौथा टेस्ट खेलेंगे जो उनका सीरीज में आखिरी मुकाबला रहेगा. इस बीच पांच साल तक भारतीय टीम के स्ट्रेंथ व कंडीशनिंग कोच रहे सोहम देसाई ने बीसीसीआई को जसप्रीत बुमराह के बारे में एक सलाह दी है. उनका कहना है कि इस गेंदबाज का खिलाने के लिए एक सही योजना बनाने की जरूरत है.

सोहम देसाई इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले टीम इंडिया से अलग हो गए. उनका कार्यकाल चैंपियंस ट्रॉफी के साथ खत्म हो गया. उन्होंने दी इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बुमराह को लेकर कहा, मैं उसके साथ 2014 से हूं. तब वह गुजरात के लिए खेलता था और एसीएल की चोट से उबर रहा था. वह स्पेशल, प्रतिभाशाली खिलाड़ी है जिसने अपनी अलग पहचान बनाने के लिए काफी मेहनत की है. इस तरह के खिलाड़ियों को संभालने के लिए हमें एक संयुक्त, सामूहिक और सहयोगी दृष्टिकोण चाहिए होगा जिसमें लंबे समय का मकसद हो उसी को देखते हुए फैसले लिए जाएं और जो लोग उसके आसपास हो उनमें निरंतरता रहे.

सोहम देसाई ने न्यूजीलैंड रग्बी टीम और पैट कमिंस का दिया उदाहरण

 

देसाई ने न्यूजीलैंड रग्बी टीम का उदाहरण देते हुए कहा,

ऑल ब्लैक्स कहलाने वाली न्यूजीलैंड की लोकप्रिय रग्बी टीम के पास एक दशक (10 साल) तक केवल एक ही स्ट्रेंथ व कंडीशनिंग कोच था और जब खिलाड़ी अपने राज्यों में जाते थे तब भी वह उनकी तैयारी पर नज़र रखता था. एक बंदा, एक टीम, एक दृष्टिकोण, एक मकसद सालों तक साथ रहे. ऐसा ही कुछ पैट कमिंस के साथ हुआ. उन्हें करियर की शुरुआत में काफी झटके लगे. फिर उन्हें पीछे लाया गया और पेशेवर लोगों के एक दल ने दो से चार सीजन तक उनके साथ काम किया. बुमराह एक तरह की संपत्ति है जिसकी चतुराई से देखभाल जरूरी है. एक छोटी सी टीम की जरूरत है जो उसे संभाले और तैयार करे जिससे वह साल में कुछ मौकों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर सके और बाकी समय उसके साथ चतुराई से काम करे.

 

 

बुमराह अभी तक दो बार पीठ में स्ट्रेस फ्रेक्चर का सामना कर चुके हैं. इसकी वजह से उनका करियर दांव लग गया था. इसी को देखते हुए अब उनके वर्कलोड मैनेजमेंट पर गंभीरता से काम किया जा रहा है.