पृथ्वी शॉ को अब फिर से लगा झटका, इस टीम में नहीं मिल पाई जगह, श्रेयस अय्यर ने दो दिन पहले ही दी थी चेतावनी

पृथ्वी शॉ को अब फिर से लगा झटका, इस टीम में नहीं मिल पाई जगह, श्रेयस अय्यर ने दो दिन पहले ही दी थी चेतावनी
पृथ्‍वी

Highlights:

पृथ्वी शॉ को रणजी ट्रॉफी स्क्वॉड से भी बाहर किया गया था.

श्रेयस अय्यर की कप्तानी में मुंबई की 17 सदस्यीय स्क्वॉड चुनी गई है.

मुंबई 21 दिसंबर को कर्नाटक के खिलाफ मुकाबले से अभियान शुरू करेगी. 

पृथ्वी शॉ को मुंबई क्रिकेट टीम में विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 के पहले तीन मैचों के लिए जगह नहीं मिल पाई. यह युवा सितारा हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस टीम में शामिल था. लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी के पहले तीन मैच की स्क्वॉड में उन्हें और अजिंक्य रहाणे दोनों को नहीं लिया गया. श्रेयस अय्यर की कप्तानी में 17 सदस्यीय स्क्वॉड चुनी गई है. इसमें अंगकृष रघुवंशी, आयुष म्हात्रे जैसे युवा चेहरों के साथ ही सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे और शार्दुल ठाकुर जैसे सितारों को भी चुना गया है. मुंबई 21 दिसंबर को कर्नाटक के खिलाफ मुकाबले से अभियान शुरू करेगी.

पृथ्वी का लिस्ट ए क्रिकेट में कमाल का रिकॉर्ड है. उन्होंने इस फॉर्मेट में 55.72 की औसत से रन बनाए हैं. वे लिस्ट ए क्रिकेट में बैटिंग औसत के हिसाब से दुनिया में छठे नंबर पर आते हैं. उन्होंने अभी तक इस फॉर्मेट में 65 मैच खेले हैं और 10 शतक व 14 अर्धशतक लगाते हुए 3399 रन बनाए हैं. 244 रन उनका सर्वोच्च स्कोर है. मुंबई के सेलेक्टर्स ने उन पर आयुष म्हात्रे को तवज्जो दी है. यह युवा खिलाड़ी डेब्यू करेगा. 17 साल के इस बल्लेबाज ने ईरानी कप से मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था.


Vijay Hazare Trophy के पहले तीन मैच के लिए मुंबई स्क्वॉड

 

श्रेयस अय्यर (कप्तान), आयुष म्हात्रे, अंगकृष रघुवंशी, जय बिस्टा, सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे, सूर्यांश शेडगे, सिद्धेश लाड, हार्दिक तमोरे (विकेटकीपर), प्रसाद पवार (विकेटकीपर), अथर्व अंकोलेकर, तनुष कोटियन, शार्दुल ठाकुर, रॉयस्टन डियाज, जुनैद खान, हर्ष तन्ना, विनायक भोइर.

श्रेयस अय्यर ने पृथ्वी शॉ को चेताया था


 

मुंबई के कप्तान श्रेयस अय्यर ने 15 दिसंबर को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने के बाद पृथ्वी को सुधार करने को कहा था. उन्होंने कहा था, 'मुझे निजी तौर पर यह लगता है कि वह गॉड गिफ्टेड खिलाड़ी है. उसके पास जिस तरह का टैलेंड है, वैसा किसी के पास नहीं है. उसे बस अपना वर्क एथिक्स सुधारने की जरूरत है. उसे वर्क एथिक्स ठीक करना होगा. और अगर वह ऐसा कर लेता है तब वह सातवें आसमान पर जा सकता है. हम किसी को बच्चों की तरह नहीं सिखा सकते. उसने काफी क्रिकेट खेला है. सबने उसे इनपुट दिए हैं. आखिरकार यह उसका खुद का काम है कि इससे कैसे आगे जाना है. उसने पहले भी ऐसा किया है. ऐसा नहीं है कि उसने ऐसा नहीं किया. उसे फोकस करना होगा. उसे सोचविचार करना होगा. उसे खुद से ही जवाब मिलेगा. कोई उस पर कुछ करने के लिए दबाव नहीं बना सकता है.'