भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट गंवाने के साथ ही तीन मैचों की सीरीज भी 30 से गंवा दी. भारत अगर मुंबई में जीत हासिल कर लेता तो वो क्लीन स्वीप से बच सकता था, मगर बल्लेबाजों के निराशजनक प्रदर्शन के चलते भारत को मुंबई टेस्ट में 25 रन से हार का सामना करना पड़ा. न्यूजीलैंड ने भारत के सामने 147 रन का टारगेट रखा था, जिसके जवाब में टीम 121 रन पर ऑलआउट हो गई.
हालांकि जब तक ऋषभ पंत क्रीज पर टिके हुए थे, भारत की जीत की उम्मीद भी बरकरार थी, मगर उनका विकेट गिरने के साथ ही भारत की जीत की आखिरी उम्मीद भी टूट गई. पंत को 64 रन के स्कोर पर एजाज पटेल ने आउट किया. हालांकि विकेटकीपर बल्लेबाज इस फैसले से असंतुष्ट दिखे, जिसे मैदान पर ‘नॉट आउट’ दिया गया था और न्यूजीलैंड के डीआरएस लेने के बाद टीवी अंपायर ने इसे पलट दिया था.
रिव्यू के बाद पलटा फैसला
पंत ने एजाज की गेंद पर बाहर निकले, लेकिन गेंद शॉर्ट पिच होने के कारण उन्होंने आखिरी समय में इसे डिफेंड करने की कोशिश की. गेंद घूमी और उनके पैड से टकराते हुए टॉम ब्लंडेल के पास गई, जिन्होंने कैच लपक लिया. हालांकि मैदानी अंपायर ने पंत को नॉटआउट दिया, जिसके बाद न्यूजीलैंड ने रिव्यू लिया.
ऋषभ पंत का तर्क
इसके बाद अल्ट्राएज ने एक स्पाइक दिखाया, लेकिन पंत का कहना था कि ये उनके पैड से बल्ला लगने के कारण ये हुआ था. हालांकि टीवी अंपायर ने गेंद के बल्ले के बगल में होने पर एक और स्पाइक देखा और उन्हें आउट करार दिया. बल्ले को पार करने के बाद गेंद की गति में थोड़ा सा डिफ्लेशन भी था, जिससे टीवी अंपायर के फैसले पर असर पड़ सकता था.
पंत के विकेट पर रोहित का बयान
इस तरह ऋषभ पंत 57 गेंदों में 9 चौके और एक छक्के से 64 रन बनाकर पवेलियन लौटना पड़ा. पंत ने उस समय भारत को बचाने के लिए संघर्ष किया, जब टीम ने अपने पांच विकेट 28 रन के अंदर गंवा दिए थे. पंत के विकेट पर बवाल मच गया. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने मैच के बाद फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा-
अगर फैसला लेने के लिए कोई सबूत नहीं है, तो फैसला मैदानी अंपायर को ही लेना होता. मुझे नहीं पता कि फैसला कैसे पलट गया, क्योंकि अंपायर ने उन्हें नॉट आउट दिया था.
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