Saif Ali Khan Attacked : बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और नवाबों के खानदान से आने वाले सैफ अली खान किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. लेकिन 16 जनवरी का दिन उनके लिए सही नहीं रहा. एक अज्ञात हमलवार ने चोरी के सिलसिले में घर में घुसकर सैफ अली खान को चाकू से जख्मी कर दिया. जिसके बाद सभी उनके ठीक होने की दुआ कर रहे हैं और लीलावती अस्पताल में उनका इलाज जारी है. हालांकि सैफ अली खान किसी भी तरह के खतरे से बाहर हैं. ऐसे में सैफ अली खान का जिक्र जब जोरों पर है तो चलिए जानते हैं कि पिता मंसूर अली खान पटौदी के क्रिकेटर होने के बावजूद उन्होंने क्रिकेट की बजाए बॉलीवुड में क्यों करियर बनाया.
पिता थे टीम इंडिया के कप्तान
सैफ अली खान की बात करें तो उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी और दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी भी भारतीय क्रिकेटर रह चुके हैं. इस तरह विरासत में क्रिकेट मिलने के बादजूद सैफ अली खान ने इसमें अपना करियर नहीं चुना. जिसके पीछे का कारण सैफ अली खान ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान बताया था.
पिता ने शर्मिला टैगौर से की शादी
दरअसल, टीम इंडिया के कप्तान रह चुके सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी टीम इंडिया के कप्तान रह चुके हैं. उन्होंने बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्मिला टैगौर से शादी की और यहीं से क्रिकेट फैमिली में बॉलीवुड के ग्लैमर का तड़का लगा. जिससे पटौदी खानदान का नाता लाइट, कैमरा और एक्शन से भी जुड़ गया. इसकी चमक सैफ अली खान को शायद ज्यादा रास आ गई और उन्होंने क्रिकेट में आगे जाना ठीक नहीं समझा.
सैफ अली खान ने बताई क्रिकेट छोड़ने की वजह
सैफ अली खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि मैं कभी स्कूल या कॉलेज के लिए क्रिकेट नहीं खेल सका लेकिन फिर भी मैंने काफी अच्छा ख़ासा क्रिकेट खेला है. हालांकि क्रिकेट मेरे खून में थी और इसे मैं घर में धर्म की तरह देखता था. सिर्फ पिता ही नहीं बल्कि दादा भी भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं. जबकि दादा ने महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन के साथ क्रिकेट खेला. ये गेम काफी मेंटल है और इसमें धैर्य व टाइमिंग की जरूरत होती है, जिसके मुझमें काफी कमी थी. इसलिए मैं इस गेम में ज्यादा आगे नहीं गया और करियर बनने से पहले ही समाप्त हो गया.
सैफ अली खान के पिता के नाम 15 हजार अधिक रन
सैफ अली खान के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया और साल 1932 से लेकर 1946 तक क्रिकेट खेले. भारत के खिलाफ वह सिर्फ छह टेस्ट मैचों में 199 रन ही बना पाए लेकिन 127 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 48.61 की औसत से 8750 रन दर्ज हैं. जबकि सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी ने भारत के लिए साल 1961 में डेब्यू टेस्ट मैच इंग्लैंड के सामने क्या और उन्होंने 46 टेस्ट मैचों में 34.91 की औसत से 6 शतक सहित कुल 2793 रन बनाए और कुल 310 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 15425 रन दर्ज हैं.
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