सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) को भविष्य में आईसीसी टूर्नामेंट में कामयाबी के लिए तीन शब्दों का मंत्र दिया है. उन्होंने बिना डरे खेलने का मंत्र दिया. स्पोर्ट्स तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी ऐसा लगता है कि भारतीय खिलाड़ी बंधकर खेलते हैं. पुराने ख्याल रखते हैं. इससे बाहर निकलने की जरूरती है. सौरव गांगुली का यह बयान लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हारने के बाद आया है. इसमें भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 209 रन से हार का सामना करना पड़ा. भारत पिछले 10 साल से कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाया है. गांगुली को लगता है कि आईसीसी टूर्नामेंट में नाकामी की एक वजह डिफेंसिव अप्रॉच रखना है.
उन्होंने फैंस के रिक्वेस्ट करते हुए कहा, 'जो भी क्रिकेट देखते हैं उनसे यही कहना चाहता हूं कि भारत दूसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल पहुंचा है इसकी तारीफ करनी चाहिए. जीत भी जाएंगे एक-दो बार. जीतने के लिए मैं समझता हूं कि बिना डरे खेलें. जब हम खेलते तो हमारे भी बल्ले के किनारे लगे हैं. हम भी हारे हैं. खुलकर खेलो. हारोगे ही. बीच-बीच में जीत भी जाओगे. जिस टीम में इतने बड़े-बड़े नाम है वह बार-बार वर्ल्ड चैंपियनशिप नहीं हारेगी.'
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