श्रीलंका क्रिकेट में बवाल खड़ा करने वाले खेल मंत्री ने बताया जान का खतरा, बोले- मुझे कुछ हुआ तो प्रेसीडेंट जिम्मेदार, पद से हुई छुट्टी

श्रीलंका क्रिकेट में बवाल खड़ा करने वाले खेल मंत्री ने बताया जान का खतरा, बोले- मुझे कुछ हुआ तो प्रेसीडेंट जिम्मेदार, पद से हुई छुट्टी
रोशन रणसिंघे ने श्रीलंका के खेल मंत्री रहते हुए कई विवाद खड़े किए.

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1996 में आईसीसी विश्व कप जीतने वाली श्रीलंका की टीम 2023 में दस टीम के टूर्नामेंट में नौवें स्थान पर रही.श्रीलंका के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने वर्ल्ड कप 2023 के बाद कई विवादित कदम उठाए थे.

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 27 नवंबर को खेल मंत्री रोशन रणसिंघे को पद से हटा दिया. उन्होंने दावा किया था कि देश के क्रिकेट प्रशासन में ‘भ्रष्टाचार उजागर’ करने के कारण उनके ‘जीवन को खतरा’ है और अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और उनके स्टाफ प्रमुख जिम्मेदार होंगे. रणसिंघे को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में भाग लेने के लिये पहुंचते ही बर्खास्तगी पत्र सौंप दिया गया जिस पर विक्रमसिंघे के हस्ताक्षर थे. इसमें कहा गया कि रणसिंघे को खेल और युवा कार्य और सिंचाई मंत्रालय से त्वरित प्रभाव से हटा दिया गया है. उनकी जगह पर्यटन मंत्री हारिन फर्नांडो ने ली. वह खेल के साथ पर्यटन और भूमि मंत्रालय भी देखेंगे.

 

इससे पहले रणसिंघे ने संसद में कहा था कि विक्रमसिंघे उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के लिए फंसाने की कोशिश कर रहे हैं और एक वाहन से संबंधित गलत तथ्यों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आयातित एक वाहन को अधिकारियों ने कर में हेरफेर के बहाने जब्त कर लिया है जिससे कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा सके. रणसिंघे ने श्रीलंकाई क्रिकेट प्रशासन को चलाने के लिए एक अंतरिम समिति नियुक्त करने के अपने कदम का जिक्र करते हुए कहा, क्या क्रिकेट में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए मुझे यह इनाम मिलेगा? मैंने ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की.’

 

उन्होंने आगे सवाल किया कि राष्ट्रपति राजनीतिक बदला क्यों ले रहे हैं जबकि खेल मंत्री के रूप में उन्होंने केवल भ्रष्टाचार को उजागर किया था. समाचार वेबसाइट ‘न्यूजवायर.एलके’ ने रणसिंघे के हवाले से कहा, ‘मेरी जान को खतरा है, आज या कल मेरी हत्या हो सकती है. अगर मुझे कुछ होता है, तो राष्ट्रपति और उनके सलाहकार सगाला रत्नायके (राष्ट्रपति स्टाफ के प्रमुख) को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.’

 

राजनीतिक दखल के बाद आईसीसी ने की थी कार्रवाई

 

इस महीने की शुरुआत में रणसिंघे ने श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) प्रबंधन को बर्खास्त कर दिया था और पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा को क्रिकेट बोर्ड को संचालित करने के लिए सात सदस्यीय अंतरिम समिति का प्रमुख नियुक्त किया था लेकिन अपील अदालत ने एक दिन बाद इसे बहाल कर दिया. हालांकि श्रीलंकाई संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें देश के क्रिकेट संचालन बोर्ड को बर्खास्त किया गया था जो सरकारी हस्तक्षेप के समान था और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को श्रीलंका को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

 

श्रीलंकाई क्रिकेट में अराजकता राष्ट्रीय टीम के विश्व कप से जल्दी बाहर होने के बाद सामने आई. 1996 में आईसीसी विश्व कप जीतने वाली श्रीलंका की टीम 2023 में दस टीम के टूर्नामेंट में नौवें स्थान पर रही. राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने रणसिंघे को अंतरिम समिति नियुक्त नहीं करने की सलाह दी थी और उन्हें आईसीसी की संभावित कार्रवाई की चेतावनी दी थी. 

 

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