पिछले पांच दिनों में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के लिए कुछ भी बेहतर नहीं रहा है। टीम के इर्द-गिर्द जो कुछ भी हो रहा था, उसका असर खिलाड़ियों के दिमाग पर पड़ा है। टीम के प्रदर्शन और मानसिक स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एक विशेषज्ञ के अनुसार, "आज जरूरत मोटिवेशनल स्पीकर की नहीं है, मोटिवेशनल स्पीकर का काम है एक एम एन सी में जाके उनके एम्पलॉईस को आटा बोरा घंटा लेक्चर दे। आज काम में स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट का।" उनका मानना है कि स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट व्यक्तिगत स्तर पर खिलाड़ियों के डर और दबाव को समझने और उसे नियंत्रित करने में मदद करता है। टीम को अपनी हार के डर पर काबू पाने और व्यक्तिगत समस्याओं को सुलझाने के लिए एक स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट की आवश्यकता है। पिछले मैच में भारत से हारने और उसके बाद हाथ न मिलाने की घटना ने भी टीम के मनोबल को प्रभावित किया है। टीम में स्किल, एप्रोच और टेम्परमेंट की कमी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। अब टीम एशिया के रण में उतरने को तैयार है।
IND vs PAK : पाकिस्तान टीम पर भारी दबाव, मोटिवेशनल स्पीकर या स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट की जरूरत?
पिछले पांच दिनों में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के लिए कुछ भी बेहतर नहीं रहा है। टीम के इर्द-गिर्द जो कुछ भी हो रहा था, उसका असर खिलाड़ियों के दिमाग पर पड़ा है। टीम के प्रदर्शन और मानसिक स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एक विशेषज्ञ के अनुसार, "आज जरूरत मोटिवेशनल स्पीकर की नहीं है, मोटिवेशनल स्पीकर का काम है एक एम एन सी में जाके उनके एम्पलॉईस को आटा बोरा घंटा लेक्चर दे। आज काम में स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट का।" उनका मानना है कि स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट व्यक्तिगत स्तर पर खिलाड़ियों के डर और दबाव को समझने और उसे नियंत्रित करने में मदद करता है। टीम को अपनी हार के डर पर काबू पाने और व्यक्तिगत समस्याओं को सुलझाने के लिए एक स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट की आवश्यकता है। पिछले मैच में भारत से हारने और उसके बाद हाथ न मिलाने की घटना ने भी टीम के मनोबल को प्रभावित किया है। टीम में स्किल, एप्रोच और टेम्परमेंट की कमी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। अब टीम एशिया के रण में उतरने को तैयार है।

SportsTak
अपडेट: