भारतीय क्रिकेट में टीम इंडिया की कप्तानी जब शुभमन गिल को मिली तो इसके साथ ही गिल के नए एरा की शुरुआत हुई. एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा के बाद गिल के युग की शुरुआत हुई और उनकी कप्तानी मे टेस्ट टीम इंडिया ने इंग्लैंड में शानदार आगाज किया. गिल को कप्तान बनाए जाने पर टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर की उनसे कहा था कि मैं तुमको समंदर मे फेंक रहा हूं या तो तुम डूबोगे या फिर बेस्ट स्विमर बनकर सबके सामने आओगे.
मुझे उसके साथ होने वाली बातचीत के बारे में याद है कि एक 25 साल के लड़के को कप्तान बनाया. गिल से मैंने कहा कि मैं तुमको समंदर में फेंक रहा हूं इसमें या तो तुम डूबोगे या तो फिर तुम बेस्ट स्विमर बनकर निकाल जाओगे. उसने जिस तरह से इंग्लैंड दौरे पर 25 साल की उम्र मे कप्तानी के प्रेशर को हैंडल किया, वो सबसे मुश्किल दो महीने उसने इंग्लैंड में बिताए.
क्या बदलाव का दौर बीत चुका है ?
गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ गिल की कप्तानी में पहली टेस्ट सीरीज को लेकर आगे बताया कि उनकी बैटिंग काफी मजबूत थी और हमारी टीम में अनुभव की कमी थी फिर भी गिल ने कड़ी परीक्षा पास कर ली. गंभीर ने आगे कहा,
इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी कितनी खतरनाक थी और हमारी अनुभवहीनता, उसने अपनी सबसे कठिन परीक्षा पास कर ली है. बदलाव का दौर बीत चुका है और उसके लिए चीज़ें बहुत आसान हो जाएंगी. कुछ लोगों ने उसकी जो आलोचना की है, वह अनुचित है. आप खिलाड़ियों का चयन उनकी क्षमता के आधार पर करते हैं. अगर आप किसी खिलाड़ी से हर जगह 50+ की औसत से रन बनाने की उम्मीद करते हैं, तो उसे हासिल करने में समय लगता है.