भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा (Sania Mirza) टेनिस को अलविदा कहने के बाद अब जीवन की दूसरी पारी के लिअ तैयार हैं. सानिया मिर्जा को वीमेंस प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का मेंटोर बनाया गया है. ऐसे में आरसीबी की महिला टीम का मेंटोर बनने के बाद अब सानिया मिर्जा ने अपनी टीम को जीत का मंत्र भी दिया है.
भारत में पहली बार पांच टीमों के बीच वीमेंस प्रीमियर लीग का आगाज चार मार्च को हो रहा है. जिसके पहले मैच में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस का सामना बेथ मूनी की कप्तानी वाली गुजरात जायंट्स से होगा. जबकि आरसीबी का पहला मुकाबला पांच मार्च को दिल्ली कैपिटल्स से होगा. इस मैच से पहले सानिया मिर्जा ने आरसीबी से जुड़ने के साथ कहा कि मेरा काम अब महिला खिलाड़ियों की मदद करना है.
सानिया ने बताया अपना अगला कदम
सानिया मिर्जा ने आरसीबी द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में कहा, "देखिये मैं ज्यादा क्रिकेट के बारे में कुछ जानती नहीं हूं लेकिन इसके बावजूद जब मेरा नाम मेंटोर के रूप में शामिल किया गया. उस समय मैंने सोचा कि अब मेरे जीवन में अगला कदम क्या होगा. मैंने हाल ही में टेनिस को अलविदा कहा है. फिर मैंने सोचा कि महिला खिलाड़ियों की मदद करना ही अब मेरा अगला कदम है."
सानिया ने आगे कहा, "मैंने पिछले 20 सालों में खेल में मानसिक पहलुओं के बारे में जाना है तो मैं इस पर अब मदद कर सकती हूं. इससे फर्क नहीं पड़ता कि खेल कौन सा है."
वहीं खेलों में होने वाले दबाव के बारे में सानिया ने कहा, "देखिये खेल कोई भी हो उसमें दबाव महसूस करना सामान्य सी बात है. एक एथलीट के रूप में हमारा काम यही है कि कैसे अगली पीढ़ी को प्रेरित किया जाए. क्योंकि असली चैंपियन वही है जो खराब फॉर्म में होने के बावजूद जीत का जज्बा रखता है. जो हर समय जीतता रहता है. वह चैंपियन नहीं है."
सानिया से आरसीबी की एक खिलाड़ी ने संन्यास के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "मैंने सही मायनों में संन्यास को लेकर तैयार नहीं थी. पिछला साल काफी संघर्षों से भरा रहा. मेरा एक बेटा भी चार साल का है. इसके अलावा मेरे तीन ऑपरेशन भी हुए हैं. हालांकि मैं टॉप पर रहकर खेल से संन्यास लेना चाहती थी."
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