टीम इंडिया की स्टार ओपनर स्मृति मांधना ने न्यूजीलैंड की महिला टीम के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे में शतक लगा दिया. इस शतक की बदौलत टीम इंडिया ने अंत में मैच पर 6 विकेट से कब्जा कर लिया. वहीं ये मांधना के वनडे करियर का 8वां शतक था. मांधना का बल्ला पिछले कुछ दिनों से लगातार खामोश था. लेकिन इस शतक ने अब उन्हें भारत की तरफ से महिला वनडे में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाली बल्लेबाजों की सूची में टॉप पर पहुंचा दिया है.
मुझे खुद पर काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी: मांधना
मांधना ने पहले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और 5 और 0 रन बनाए. महिला टी20 विश्व कप में भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जहां भारत सेमीफाइनल में जगह बनाने में विफल रहा. स्मृति ने कहा कि खराब फॉर्म से बाहर निकलने के लिए उन्हें खुद पर थोड़ा कठोर होना पड़ा.
मांधना ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कहा, “सीरीज जीत कर वाकई बहुत खुश हूं. जैसा कि मैंने पहले गेम में कहा था, इस टीम के लिए डेढ़ महीने बहुत मुश्किल रहे हैं. पहले दो गेम मेरे हिसाब से नहीं गए, इसलिए मैं बहुत खुश हूं कि मैं आज स्कोर कर पाई. यह मेरे शॉट्स को नियंत्रित करने के बारे में था, आप हर दिन एक ही तरह से बल्लेबाजी नहीं करते.”
उन्होंने आगे कहा कि “आप कुछ दिनों में सर्वश्रेष्ठ स्थिति में होते हैं और कुछ दिनों में नहीं. मुझे शुरुआत में खुद पर थोड़ा कठोर होना पड़ा और खेल शुरू करने से पहले पहले 10 ओवर खत्म होने का इंतजार करना पड़ा. मेरे लिए, जो काम करता है वह कठिन तरीका है.”
233 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए शेफाली वर्मा के जल्दी आउट होने के बाद मांधना ने भारत को संभलने में मदद की. लेकिन हरमनप्रीत कौर के साथ उनकी 117 रनों की साझेदारी ने मेजबान टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया. मांधना ने कहा, "आपको पहले अपने टीम के लिए खेलना होता है. जल्दी आउट होने का मतलब है कि मैंने टीम को निराश किया है और यह सोच मेरी रातों की नींद उड़ा देती है. एक क्रिकेटर के तौर पर आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, आपको अपनी दिनचर्या को एक जैसा रखना होगा." मांधना के 100 रन पर आउट होने के बाद, 10 चौकों की मदद से हरमनप्रीत ने 59 रन बनाकर नाबाद रहते हुए 45वें ओवर में भारत को जीत दिलाई.
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