बीसीसीआई ने 11 जनवरी को मुंबई में एक रिव्यू मीटिंग की जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान टीम के कप्तान रोहित शर्मा संग मुख्य कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगकर भी मौजूद थे. ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात पर हुई कि आखिर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में कैसे हार मिली. भारत को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था. टीम इंडिया को साल 2014-15 के बाद पहली बार बीजीटी में हार मिली. इस बीच बीसीसीआई अब खिलाड़ियों पर एक्शन लेने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि बोर्ड ने इसके लिए कुल 6 बड़े फैसले लिए हैं.
पत्नियां नहीं रह सकेंगी साथ
भारतीय क्रिकेटर्स अब विदेश दौरे पर अपनी पत्नी और परिवार संग ज्यादा समय तक नहीं रह सकेंगे. अगर कोई लंबा विदेश दौरा होता है तो पत्नी और परिवार सिर्फ 14 दिन ही क्रिकेटर्स के साथ रह सकते हैं. इसके अलावा छोटे दौरे पर ये सिर्फ 7 दिन होगा. बोर्ड का कहना है कि इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ता है और वो खेल पर पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाते हैं.
टीम के प्रदर्शन में सुधार के लिए नई गाइडलाइन्स
बीसीसीआई यहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन के सुधार के लिए नई गाइडलाइन्स जारी कर सकती है. यानी की अब खिलाड़ियों को खुद को साबित करना होगा. अगर कोई खिलाड़ी इसमें फ्लॉप रहता है तो उसकी सैलरी काटी जाएगी. बीसीसीआई इसके लिए कॉरपोरेट आधार पर सिस्मट तैयार करेगा.
गौतम गंभीर के मैनेजर के लिए भी नियम
हेड कोच गौतम गंभीर के मैनेजर गौरव अरोड़ा फिलहाल उन्हीं के साथ ट्रैवल करते हैं. इससे पहले किसी भी कोच के साथ मैनेजर नहीं रहता था. ऐसे में अब बीसीसीआई के अनुसार किसी भी कोच के साथ मैनेजर नहीं रहेगा और न ही स्टेडियम में वीआईपी बॉक्स में जाएगा. इसके अलावा वो टीम बस में भी ट्रैवल नहीं करेगा.
एक साथ टीम बस में ट्रैवल करेंगे खिलाड़ी
कई सीनियर खिलाड़ी अपनी पत्नी या फिर अकेले मैदान पर पहुंच जाते हैं. इस दौरान वो टीम बस में साथी खिलाड़ियों संग ट्रैवल नहीं करते हैं. ऐसे में इसपर भी बीसीसीआई की नजर है. बीसीसीआई ने फैसला लिया है कि अब से हर खिलाड़ी को एक साथ टीम बस में ट्रैवल करना है. बोर्ड यहां सभी की टीम बॉन्डिंग मजबूत करना चाहता है.
तीन साल रहेगा सपोर्ट स्टाफ का कार्यकाल
इसके अलावा सहयोगी स्टाफ को लेकर भी बोर्ड फैसला लेने वाला है. बहुत सारे सपोर्ट स्टाफ सालों से टीम इंडिया के साथ जुड़े हुए हैं. ऐसे में बोर्ड अब इसे बदलने वाला है. एक सपोर्ट स्टाफ का कार्यकाल दो साल का होगा और इसे एक साल बढ़ाया जा सकता है. यानी की वो सिर्फ 3 साल के लिए ही काम कर सकता है.
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