भारत और इंग्लैंड के बीच समाप्त हो चुके पांच टेस्ट मैचों के लंबे दौरे पर जसप्रीत बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट ही खेले. बुमराह को लेकर दौरे से पहले ही साफ़ कर दिया गया था अकि उनके वर्कलोड को देखते हुए वो पांच में पांच टेस्ट तो नहीं खेल सकेंगे और तीन मैच ही खेल सकते हैं. ठीक ऐसा ही हुआ और इंग्लैंड की सपाट पिचों पर बुमराह ने तीन टेस्ट खेलकर पांच विकेट अपने नाम किये. ऐसे में उनके वर्कलोड को लेकर भारत के पूर्व सेलेक्टर संदीप पाटिल ने बड़ा बयान दिया.
वर्कलोड मैनेजमेंट एक बकवास चीज है और हमारे लिए तो आप फिट हैं या अनफिट है. ये दो शब्द ही हैं. इसी तरह हमने हमेशा टीम चुनी. हम लोग अपने समय में वर्कलोड के चक्कर में नहीं पड़े. इन दिनों खिलाड़ियों के पास इतनी अच्छी सुविधा है कि वह रिहैब में चले जाते हैं. कर बार हम सब चोट के बावजूद खेलते रहते थे. ऐसा भी था कि हम देश के लिए खेलकर काफी खुश थे और कोई नाटक नहीं था.
संदीप पाटिल ने बीसीसीआई को भी घेरा
संदीप पाटिल ने वर्कलोड मैनेजमेंट और टीम चयन में फिजियोथेरेपिस्ट की मदद को लेकर कहा,
मुझे हैरानी है कि एक कप्तान से बड़ा फिजियोथेरेपिस्ट कैसे हो सकता है. उसके बात से सहमत होने के बाद फैसला लिया जाता है. क्या वो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्या उम्मीद करनी चाहिए कि फिजियो सेलेक्शन मीटिंग में होगा. वो फैसला लेगा. जब आपको देश की टीम के लिए चुना जाता है तो आप इसके लिए मर मिटते हैं और एक योद्धा कहलाते हैं. सुनील गावस्कर को मैंने पांचों दिन बैटिंग करते देखा है. मैंने कपिल देव को टेस्ट क्रिकेट के ज्यादातर दिनों में देखा है. उन्होंने कभी ब्रेक नहीं माना. उनका करियर 16 साल से ज्यादा लंबा रहा और 1981 में सिर में चोट के बावजूद मैने अगला टेस्ट मैच नहीं छोड़ा था.
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