मुंबई सिटी एफसी ने दो दिन पहले मोहन बागान सुपर जायंट को 3-1 से हराकर अपना दूसरा इंडियन सुपर लीग 2023-24 फाइनल जीत लिया. मुंबई की इस शानदार जीत के हीरो जॉर्ज पेरेरा डियाज, बिपिन सिंह और जैकब वोटजस रहे, जिन्होंने गोल दागे, मगर मुंबई की इस जीत के पीछे उस शख्स का भी सबसे बड़ा हाथ रहा, जिसे लोगों के झूठे बर्तन तक धोने पड़े थे, जिसे वेटर का काम करना पड़ा.
हम बात कर रहे हैं मुंबई के कोच पैट्र क्रैटकी की, जिन्होंने अपने फुटबॉल करियर को अलविदा कहने के बाद चेक रिपब्लिक में अपना घर भी छोड़ दिया और इंग्लिश सीखने के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए. उन्हें बर्तन धोने जैसा भी काम करना पड़ा. जिसके बाद उन्हें फुटबॉल कोच के रूप में जॉब मिली. करीब एक दशक पहले पैट्र ने अपने पेशेवर फुटबॉल करियर से संन्यास ले लिया था और उन्होंने माना कि चीजें खराब हो रही थीं.
ऑस्ट्रेलिया में सीखी इंग्लिश
संन्यास लेने के बाद बदलाव के अनुसार उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. वो अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ फुटबॉल ही जानते थे. वो बचपन से ही इस खेल से जुड़े थे. ऐसे में संन्यास लेने के बाद उन्हें अपनी जिंदगी खाली लगने लगी. वो सिर्फ एक ही काम करना चाहते थे और वह था अंग्रेजी सीखना. उन्हें इंग्लिश सीखने का कोर्स करने का मौका मिला. जिसके बाद उन्होंने उसे करने का फैसला लिया और अपने घर को छोड़ दिया और ऑस्ट्रेलिया चले गए. जिसके बाद उन्होंने एक रेस्टोरेंट में काम करने का भी फैसला लिया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पैट्र ने कहा-
मैंने बर्तन धोये, तब मेरी इंग्लिश थोड़ी बेहतर होने लगी थी. मैंने बतौर वेटर काम किया.
मुंबई की काया पलट
चेक रिपब्लिक में टॉप डिवीजन में खेलते वक्त पैट्र ने UEFA कोचिंग को भी मैनेज किया. जिस वजह से जब उन्हें मेलबर्न में बच्चों को कोचिंग का मौका मिला, उसमें मदद मिली. अंडर 6 कैटेगरी को कोचिंग देने से पैट्र की जिंदगी में खुखियां फिर लौट आई और इसके बाद उन्होंने युवाओं को बेहतर फुटबॉलर बनाने का फैसला लिया और फिर डेस बकिंघम ने अचानक टीम से अलग होने के बाद वो सीजन के बीच में पिछले साल दिसंबर में बतौर हेड कोच मुंबई सिटी एफसी से जुड़े. इसके बाद तो टीम ही काया पलट ही हो गई और उन्होंने टीम को चैंपियन बना दिया.
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