लक्ष्य सेन पेरिस ओलिंपिक में ऐतिहासिक मेडल जीतने से चूक गए. ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के खिलाड़ी ली जी जिया ने उन्हें 13-21, 21-16, 21-11 से हरा दिया. लक्ष्य की इस दिल तोड़ने वाली हार के साथ ही इस ओलिंपिक में भारतीय बैडमिंटन की चुनौती समाप्त हो गई. लक्ष्य की हार के बाद उनके कोच प्रकाश पादुकोण बुरी तरह बिफर गए थे और उन्होंने बड़ा बयान दिया, जिस पर पेरिस ओलिंपिक से बाहर होने के ओलिंपिक से संन्यास लेने वाली दिग्गज भारतीय खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा भड़क गई. उन्होंने इंस्टाग्राम पर प्रकाश पादुकोण के बयान को शेयर करते लिखा-
ये देखकर काफी निराशा हुई. यदि कोई खिलाड़ी जीतता है, तो हर कोई उसका क्रेडिट लेने के लिए कूद पड़ता है और यदि वो हार जाता है तो क्या ये सिर्फ खिलाड़ी की गलती है? कोचों को तैयारी में कमी और खिलाड़ी को तैयार ना करने के लिए जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाता? जीत का श्रेय लेने वाले वे पहले व्यक्ति होते हैं. अपने खिलाड़ियों की हार की जिम्मेदारी भी क्यों नहीं लेते? आखिरकार जीतने के लिए टीम की कोशिश लगती है और हारना भी टीम की जिम्मेदारी है. आप अचानक खिलाड़ी पर सारा दोष नहीं डाल सकते.
प्रकाश पादुकोण ने कहा था-
1964 में मिल्खा सिंह और 80 के दशक में पीटी उषा के बाद, हमने कई खिलाड़ियों को चौथे स्थान पर देखा. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि खिलाड़ी भी जिम्मेदारी लें. कम से कम इस ओलिंपिक और पिछले ओलिंपिक के रिजल्ट के लिए आप फेडरेशन और सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. वो जो कुछ भी कर सकते थे, उन्होंने किया. आखिरकार खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी होती है कि वो उस समय अच्छा प्रदर्शन करें, जब सबसे ज्यादा जरूरत हो.
साल 2012 के बाद से ऐसा पहली बार है, जब भारत किसी ओलिंपिक में बैडमिंटन में मेडल जीतने में नाकाम रहा. ब्रॉन्ज मेडल मैच में लक्ष्य ने पहला गेम जीत लिया था. दूसरे गेम में भी उन्होंने जिया को कांटे की टक्कर दी थी, मगर पहला गेम जीतने के बाद उन्होंने आखिरी के दोनों गेम गंवा दिए और इसी के साथ उनका अभियान भी समाप्त हो गया.
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