पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत को पिछले 24 घंटों में दो मेडल मिल सकते थे लेकिन मामूली अंतर से सपने टूट गए. 2 अगस्त को तीरंदाजी में निराशा मिली तो 3 अगस्त को शूटिंग में नाकामी का सामना करना पड़ा. भारत ने अभी तक इन खेलों में तीन मेडल जीते हैं. तीनों कांस्य हैं और ये शूटिंग से मिले हैं. इनमें से दो ब्रॉन्ज मनु भाकर ने दिलाए थे. उनके पास 3 अगस्त को तीसरा मेडल जीतने का मौका था लेकिन वह 25 मीटर पिस्टल इवेंट में चौथे स्थान पर रही. वह केवल एक अंक से मेडल की हैट्रिक से दूर रह गईं.
मनु 25 मीटर पिस्टल इवेंट के फाइनल में आठवीं सीरीज तक मेडल की रेस में थी. उनके और हंगरी की वेरोनिका मेयर के एक समान 28 अंक थे. ऐसे में शूट ऑफ हुआ. इसमें मनु दो अंक ले सकीं जबकि मेयर ने तीन अंक बटोरे. इस नतीजे ने भारतीय शूटर को बाहर कर दिया. वह पेरिस ओलिंपिक में दूसरी भारतीय शूटर हैं जो चौथे नंबर पर रही. उनसे पहले 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में अर्जुन बबूता को भी चौथे पायदान से संतोष करना पड़ा था.
तीरंदाजी में धीरज-अंकिता मेडल से चूके
मनु से पहले 2 अगस्त को तीरंदाजी के मिक्स्ड टीम इवेंट में धीरज बोम्मडेवरा और अंकिता भकत चौथे नंबर पर रहे थे. इन दोनों को कांस्य पदक के मुकाबले में करीबी अंतर से अमेरिका से हार झेलनी पड़ी. धीरज-अंकिता को अमेरिका के खिलाफ 2-6 (37-38, 35-38, 38-33, 35-37) से हार मिली थी. हालांकि इस दौरान इस जोड़ी ने सेमीफाइनल तक पहुंचकर इतिहास रचा. पेरिस ओलिंपिक से पहले भारतीय तीरंदाजी टीम ने अंतिम-चार में जगह नहीं बनाई थी. भारत को सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया से हार मिली थी. इसके बाद भारतीय टीम कांस्य पदक के मैच के लिए गई थी.
मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में चौथे नंबर पर रहने वाली चौथी भारतीय शूटर हैं. उनसे पहले जॉयदीप कर्माकर (लंदन ओलिंपिक), अभिनव बिंद्रा (रियो ओलिंपिक) और बबूता (पेरिस ओलिंपिक) के साथ भी ऐसा हो चुका है.
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