नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीता. पुरुषों की जैवलिन थ्रो स्पर्धा में उन्होंने 89.45 मीटर थ्रो किया और वे पाकिस्तान के अरशद नदीम से पीछे रहे जिन्होंने 92.97 मीटर थ्रो किया. नीरज ने पेरिस ओलिंपिक को लेकर कहा कि वे 90 मीटर से ऊपर थ्रो कर सकते हैं लेकिन चोट और मानसिक तौर पर कहीं अटके रहने से ऐसा नहीं हो सका. भारतीय एथलीट ने कहा कि चोट के डर की वजह से वह पूरी लय में दौड़ नहीं पा रहे थे. नीरज ने यह बात भी मानी कि अरशद नदीम के 92 मीटर थ्रो के बाद उन्हें सोना जीतने के लिए ओलिंपिक रिकॉर्ड तोड़ना ही था और इस कोशिश में उनका ध्यान भंग हो गया.
नीरज ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में 87 मीटर के आसपास का थ्रो कर गोल्ड जीता था. पेरिस में उन्होंने अपने पर्सनल बेस्ट के आसपास थ्रो फेंका लेकिन यह गोल्ड के लिए काफी नहीं था. अरशद ने दो बार 90 मीटर का आंकड़ा पार किया. उन्होंने ओलिंपिक रिकॉर्ड तोड़ते हुए पाकिस्तान को ओलिंपिक में पहला व्यक्तिगत गोल्ड दिलाया. नीरज ने बताया,
अरशद नदीम के 92.97 मीटर थ्रो करने के बाद मुझे 100 फीसदी भरोसा था कि मैं इससे ज्यादा फेंक सकता हूं. लेकिन मानसिक तौर पर मैं खुद को रोक रहा था और नतीजा रहा कि मेरे पैर प्लानिंग के हिसाब से नहीं गए. जब हम थ्रो के लिए दौड़ना शुरू करते हैं तो यह सीधा हमारे ग्रोइन पर असर डालता है. मेरे कोच ने भी कहा कि मुझे मेरी लाइन पर काम करना होगा क्योंकि मेरे थ्रो अंदर जा रहे थे. मैंने भी माना कि मैं ज्यादा ही उत्साहित हो गया था क्योंकि मौका ही ऐसा था और वहीं पर मैं मिस कर गया.
नीरज बोले- पूरी तरह से फिट होता तो…
नीरज ने कहा कि अगर वह पूरी तरह से फिट होते तो पेरिस ओलिंपिक में 90 से ऊपर का थ्रो कर सकते थे. उन्होंने कहा,
मुझे खुशी है कि मैं लगातार 88 से 90 मीटर के बीच थ्रो कर रहा था. मैं 90 का लक्ष्य नहीं बना रहा था. लेकिन उस दिन अरशद के थ्रो के बाद मुझे ओलिंपिक रिकॉर्ड के लिए जाना पड़ा. अगर सब सही रहता तब मैं ऐसा कर सकता था. मुझे लगता है कि उस रिकॉर्ड के पीछे जाने की कोशिश में मैंने अपना फोकस गंवा दिया. अब मैं अपनी निरंतरता पर काम करूंगा और अपनी तकनीक की छोटी-छोटी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करूंगा.
नीरज अब स्विट्जरलैंड के लुसान शहर में होने वाली डायमंड लीग में हिस्सा लेंगे. यह इवेंट 22 अगस्त को होना है.
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