भारतीय निशानेबाज रमिता जिंदल समेत बाकी के सात निशानेबाजों ने जब 10 मीटर राइफल फाइनल के लिए अपनी पोजीशन ली तो उसके बाद ओलिंपिक चैंपियन अभिवन बिंद्रा उनके पीछे खड़े हो गए. उनके हाथ में रेड कलर की वुडन बैटन थी, जिसे उन्होंने तीन बार जमीन पर पटका. बिंद्रा ने जमीन पर तीन बार वुडन बैटन को क्यों पटका, सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा है.
दरअसल पेरिस ओलिंपिक में सेशन शुरू होने से पहले एक सेरेमनी होती है, जहां पूर्व या मौजूदा खिलाड़ी, कोई सेलिब्रिटी या फिर कोई फैन लकड़ी की रेड बैटन के साथ आता है और जमीन पर तीन बार उसे थपथपाता है. जो प्रतियोगिता शुरू होने का एक संकेत है. पेरिस 2024 आयोजन समिति के अध्यक्ष टोनी एस्टांगुएट ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस साल के ओलिंपिक खेलों के लिए इस नई परंपरा के बारे में बात की थी.
फ्रांसीसी थिएटर से प्रेरित वुडन बैटन की परंपरा
रमिता जिंदल 10 मीटर एयर राइफल में भारत को मेडल दिलाने से चूक गई थीं. वो 7वें स्थान पर रहीं. शूटऑफ में उन्हें फ्रांस की मुलर से कड़ी टक्कर मिली. रमिता ने 145.3 का स्कोर किया. मुलर का स्कोर भी इतना था. शूटऑफ में भारतीय निशानेबाज ने 10.5 पर निशाना लगाया, मगर मुलर ने 10.8 पर निशाना लगाकर करोड़ों भारतीयों का दिल तोड़ दिया और इसी के साथ रमिता जिंदल का सफर भी खत्म हो गया.
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