Bajrang Punia: टोक्यो ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और रवि दहिया बीते दिनों एशियन और वर्ल्ड ओलिंपिक क्वालीफायर के लिए हुए सेलेक्शन ट्रायल्स में हार गए. जिससे उनके पेरिस ओलिंपिक खेलने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा. अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि टोक्यो में मेडल जीतने वाले दोनों पहलवानों का पेरिस ओलिंपिक जाने का रास्ता क्या पूरी तरह से बंद हो गया है या फिर अभी भी उनके पास ओलिंपिक क्वालीफाई करने का मौका बचा है. टोक्यो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पूनिया रविवार को 65 किग्रा वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में रोहित से हार गए थे. इसके बाद उन्होंने विशाल कालीरमन के खिलाफ मुकाबले में उपस्थित ना होकर ट्रायल में टॉप चार में जगह बनाने का मौका भी छोड़ दिया था.
अधिकारियों ने जब तीसरी और आखिरी बार बुलाया, उस वक्त कालीरमन भी मैट पर नहीं थे. हालांकि अधिकारियों की रिजल्ट शीट पर कालीरमन को चौथे स्थान पर दिखाया गया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अधिकारियों का दावा है कि उन्हें जानकारी दी गई थी कि कालीरमन रेसलिंग हॉल में थे. इसी वजह से उन्हें चौथे स्थान पर रखा गया. वहीं बजरंग ने आधिकारिक तौर पर तीसरे-चौथे स्थान के प्लेऑफ के लिए उपस्थित ना होने का कारण 'मेडिकल' बताया. फिर भी आधिकारिक परिणाम में 2VIN (दोनों पहलवान घायल) बताया गया.
बजरंग को मिल सकता है एक और मौका
हालांकि बजरंग का पेरिस ओलिंपिक जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद नहीं हुआ. ऐसा माना जाता है कि उन्हें 31 मई को होने वाले ट्रायल के लिए बुलाना चाहिए, जो ओलिंपिक जाने के लिए कोटा हासिल करने वाले पहलवान से मुकाबला कर सके. रवि दहिया भी 57 किग्रा में चौथे स्थान पर रहे. नेशनल ट्रायल्स के विजेता एशियन और वर्ल्ड ओलिंपिक क्वालीफायर में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. तदर्थ समिति के नियमों के अनुसार यदि किसी वेट कैटेगरी में कोई ओलंपिक कोटा विजेता है, तो उस पहलवान को पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए 5 जून को चुनौती देने वाले पहलवान को हराना होगा.
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