पेरिस पैरालिंपिक में दो मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली प्रीति पाल ने उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ दिया है, जो उन्हें और उनके परिवार को ताना मारते थे. प्रीति ने वुमेंस T35 की 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज जीता. इससे पहले उन्होंने 100 मीटर में ब्रॉन्ज जीता था. वो एक पैरालिंपिक या ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली ट्रैक एंड फील्ड की पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं.
इतिहास रचने के बाद प्रीति ने स्पोर्ट्स तक से खास बातचीत में ताना मारने वाले लोगों को जवाब दिया. उन्होंने कहा-
ये उन लोगों के लिए मैसेज है, जो मुझे और मेरे परिवार को ताना मारते थे कि मैं चल नहीं सकती, दौड़ नहीं सकती. मेरी शादी कैसे होगी, क्योंकि मैं विकलांग थी. अब मैंने ये साबित कर दिया है कि मैं दौड़ सकती हूं और देश के लिए मेडल जीत सकती हूं.
प्रीति पाल ने आगे कहा-
मेरे पिता डेयरी फार्मर हैं, जिन्होंने काफी संघर्ष किया, मगर मुझे खेलों के लिए कभी मना नहीं किया.
प्रीति ने बताया कि उन्होंने इस स्तर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले पैरा एथलीटों के वीडियो देखकर खेल शुरू किया था. उन्होंने कहा-
जब मैंने शुरुआत की थी तो मैंने पैरालिंपिक के बारे में कभी नहीं सोचा था. मैंने एशियन पैरा खेलों के मेडल का सपना देखा था, लेकिन अब मैंने इतिहास रच दिया है.
पीएम मोदी ने भी की तारीफ
प्रीति ने 100 मीटर में 14.21 सैकंड और 200 मीटर में 30.01 सैकंड के समय के साथ ब्रॉन्ज जीता. पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए उनकी तारीफ की. पीएम ने एक्स पर कहा-
प्रीति पाल की एक ऐतिहासिक उपलब्धि क्योंकि उन्होंने पैरालिंपिक 2024 के उसी एडिशन में महिलाओं की 200 मीटर T35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपना दूसरा पदक जीता है. वह भारत के लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं. उनका समर्पण वाकई उल्लेखनीय है.
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