भारतीय कुश्ती महासंघ के मुखिया ब्रज भूषण शरण सिंह का कहना है कि अगर उनके इस्तीफे देने से पहलवान धरना खत्म करते हैं तो वे इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में यह बयान दिया. ब्रजभूषण ने साथ ही कहा कि वे उन पर लगाए गए आरोपों पर जांच में पूरी तरह सहयोग देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के फैसले पर भी सहमति जताई और कहा कि वे इस फैसले का सम्मान करते हैं. ब्रजभूषण ने साथ ही धरना दे रहे पहलवानों पर आरोप लगाया कि वे राजनीति से प्रेरित हैं. ये सभी पहलवान एक ही परिवार और अखाड़े से आते हैं. उन्होंने कहा कि जो पहलवान धरने पर बैठे हैं वे किसी भी बात से राजी नहीं होंगे.
23 अप्रैल से बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे बड़े पहलवान दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इनका आरोप है कि ब्रजभूषण ने महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न किया है. ऐसे में उन्हें फौरन गिरफ्तार किया जाए. पहले इन खिलाड़ियों ने दिल्ली पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने एफआईआर लिखी.
'मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं अगर…'
उन्होंने कहा, 'इनकी मांग बार-बार बदलती है. इनकी शुरुआत में मांग थी कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष अपने पद से इस्तीफा दे दे. फिर ये सेक्सुअल हैरेसमेंट का प्रकरण लेकर आए. फिर इन्होंने मांग की कि एक जांच कराइए. सरकार ने दो कमिटी बनाई. जांच पूरी हुई और जांच का इन्होंने इंतजार नहीं किया और तीसरा मामला लेकर बैठ गए. फिर रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. वैसे भी मेरा कार्यकाल पूरा हो गया है. महीने-दो महीने में चुनाव होंगे और जिसे भी बनना है वो बनेगा. मैं इस्तीफा देता तो माना जाता कि मैं दोषी हूं. न मैं गलत था और न हूं. कोई भी जांच कमेटी बनाइए. सरकार की कमिटी पर हमने सवाल नहीं उठाया. इन्होंने ही उठाया. आगे भी यही उठाएंगे.'
एफआईआर दर्ज होने पर क्या बोले
ब्रजभूषण के खिलाफ 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया. इस बारे में पूछे जाने पर कुश्ती महासंघ के मुखिया ने कहा, 'मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हूं. खिलाड़ियों की यह मांग चल रही थी जिसको लेकर यह धरना भी दे रहे थे. इसी पर कोर्ट ने फैसला दिया है. मैं मामले में जांच में पूरा सहयोग करूंगा. सुप्रीम कोर्ट ने जो किया उसका स्वागत है.'
प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को घेरा
उन्होंने प्रदर्शनकारी पहलवानों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'यह कोई संवैधानिक पद नहीं है जिससे हम लोग लाभ कमाते हैं. जितना योगदान मैंने कुश्ती के लिए किया वह पूरा कुश्ती जगत जानता है. हरियाणा के अन्य पहलवान क्यों नहीं आए. एक परिवार कह सकते हैं आप. एक अखाड़ा कह सकते हैं. कैंप में देश के हर राज्य के बच्चे रहते हैं. 2012 से बार-बार इनके साथ ही क्यों घटना घट रही है.'
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