महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपी ब्रजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को कोर्ट से राहत मिली है. उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बुधवार तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. इसका मतलब है कि बुधवार (19 जुलाई) तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. ब्रजभूषण शरण सिंह के अलावा विनोद तोमर को भी यह जमानत दी गई. गुरुवार (20 जुलाई) को कोर्ट में सामान्य जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. इसके बाद ही फैसला होगा कि रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व मुखिया ब्रजभूषण और सचिव विनोद तोमर गिरफ्तार होंगे या बाहर ही रहेंगे. ब्रजभूषण के खिलाफ सात महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में आरोपों को मुकदमा चलाने लायक और गिरफ्तारी लायक माना गया है.
ब्रजभूषण की तरफ से कोर्ट को कहा गया कि चार्जशीट शब्दश: मीडिया में छापी गई है. ऐसे में मीडिया ट्रायल का खतरा है. साथ ही कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. ऐसे में जमानत दी जाए. कोर्ट ने जब दिल्ली पुलिस के वकील से इस बारे में उन्होंने पूछा तो उनकी तरफ से भी जमानत का विरोध नहीं किया गया. ऐसे में कोर्ट ने 25-25 हजार रुपये के बॉन्ड पर दोनों को जमानत दे दी. कोर्ट ने 7 जुलाई को समन जारी कर ब्रजभूषण और तोमर को कोर्ट में पेश होने को कहा था.
ब्रजभूषण के खिलाफ क्या है मामला
ब्रजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद देश के कुछ बड़े पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था. जून में पहलवान धरने से हटे थे. रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व मुखिया ब्रजभूषण ने लगातार अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया. उन्होंने इसके पीछे राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया.
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