दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय पहलवानों ने भारत के कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पहलवानों ने ना सिर्फ ब्रज भूषण को उनके पद से हटाए जाने की मांग रखी. बल्कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप भी लगाया था. इससे संबंधित पत्र पहलवानों ने भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) को भी लिखा था. जिस पर आईओए ने कड़ा एक्शन लिया और सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया. इस कमेटी में भारत की स्टार मुक्केबाज मैरी कॉम का नाम भी शामिल है. ऐसे में मैरी कॉम ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि वह पूरे मामले को समझने के बाद ही किसी एक्शन के बारे में बताएंगी.
आईओए की कमेटी में मैरी कॉम समेत डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और दो एडवोकेट शामिल हैं. इस कमेटी की चेयरमैन मैरी कॉम ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, "मैं पहले समिति के सदस्यों के साथ बैठकर कार्रवाई के बारे में चर्चा करुंगी. यह बेहद ही संवेदनशील मामला है इसलिए जल्दबाजी में कुछ नहीं कहना चाहूंगी. हमें पहले पूरे मामले को समझने की जरूरत है, उसके बाद ही हम कोई स्टेटमेंट मीडिया में जारी करेंगे."
ब्रज भूषण के खिलाफ होंगी जांच
भारतीय पहलवानों की बात करें तो वह बुधवार यानि 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे थे. इसके बाद ये मामला तूल पकड़ता गया और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से दो बार मीटिंग करने के बाद पहलवानों ने अब धरना प्रदर्शन रोक दिया है. इसके बारे में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दो बार बैठक के बाद पहलवानों ने मुझे गंभीर आरोपों के बारे में बताया. और वे किस तरह के बदलाव की मांग कर रहे हैं. हमने डब्ल्यूएफआई को नोटिस भेजा था और उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी. मैं पहलवानों का धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव दिया है. जब तक जांच से कोई फैसला नहीं आ जाता है, तब तक वह काम से दूर रहेंगे. और तब तक ब्रजभूषण शरण सिंह अपने काम से हटकर जांच में शामिल होंगे.