इंग्लैंड में जारी साल के तीसरे ग्रैंडस्लैम विंबलडन (Wibledon 2023) में चेक गणराज्य की मार्केता वोंड्रोसोवा (Marketa Vondrousova) ने अपने करियर में पहली बार फाइनल में जगह बनाई. वहीं ट्यूनीशिया से आने वाली वर्ल्ड नंबर 6 खिलाड़ी ओंस जेब्यूर ने अन्य समीफाइनल मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-2 एरीना सबालेंका को 6-7 (5), 6-4, 6-3 से हराकर फाइनल में जगह बना डाली है. वर्ल्ड नंबर 42 मार्केता ने सेमीफाइनल मुकाबले में 76वीं रैंक वाली एलिना स्वितोलिना को सीधे सेटों में 6-3, 6-3 से हराकर फाइनल का टिकट हासिल किया. साल 2017 से विंबलडन में शिरकत करने वाली वोंड्रोसोवा अपने टेनिस करियर में पहली बार विंबलडन फाइनल में पहुंची है. जबकि उन्होंने टोक्यों ओलिंपिक 2020 में सिल्वर मेडल भी हासिल किया था. अब विंबलडन के महिला सिंगल्स फाइनल में वोंड्रोसोवा का सामना ओंस जेब्यूर से होगा. जो दूसरी बार लगातार विंबलडन का फाइनल मुकाबला खेलेंगी. पिछली बार जेब्यूर को विंबलडन 2022 फाइनल में एलिना रायबकीना ने हराया था.
मार्केता वोंड्रोसोवा ने लगाए 4 ऐस शॉट
विंबलडन के सेमीफाइनल मुकाबले में मार्केता वोंड्रोसोवा ने दमदार खेल दिखाया और शुरू से ही स्वितोलिना को वापसी करने का कोई मौक़ा नहीं दिया. वोंड्रोसोवा ने मैच के दौरान दोनों सेटों में 74 प्रतिशत अंक सर्विस से कमाए. जबकि कुल 11 में से 6 ब्रेक पॉइंट अर्जित किए. इसके अलावा कुल 70 अंक अर्जित किए और मैच के दौरान कुल चार एस शॉट भी लगाए. जिससे वोंड्रोसोवा ने दोनों सेट 6-3, 6-3 से अपने नाम कर डाले. वोंड्रोसोवा के सामने स्वितोलिना रंग में नजर नहीं आई और वह ना तो एक भी ऐस शॉट लगा सकी. जबकि अपनी सर्विस पर सिर्फ 48 प्रतिशत अंक ही जीत सकी.
पहला सेट हारने के बाद जीती ओंस
28 साल की जेब्युर सबालेंका के सामने पहला सेट 6-7 से हार गई थी. इसके बाद दूसरे सेट से दमदार वापसी की और उसे 6-4 से अपने नाम किया. जबकि अंतिम सेट में तीसरे ब्रेक पॉइंट का फायदा उठाते हुए 6वां गेम जीता और लगातार दूसरी बार फाइनल का टिकट हासिल कर डाला. पूरे मैच में सबालेंका ने जहां 10 ऐस शॉट लगाए. वहीं जेब्युर ने दो ऐस शॉट लगाए. इसके अलावा पहली सर्विस पर ओंस ने 76 प्रतिशत अंक हासिल किए तो 71 प्रतिशत अंक सबालेंका ने हासिल किए. मैच के अंत तक कुल 110 अंक ओंस ने जीते तो सबालेंका 104 अंक ही बटोर सकी. ओंस ने कुल 10 ब्रेक पॉइंट में तीन जीते जबकि सबालेंका कुल तीन ब्रेक पॉइंट में एक ही जीत सकी. यही कारण है कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
5 साल बाद पहुंची फाइनल
वोंड्रोसोवा की बात करें तो अपने टेनिस करियर में वह साल 2017 से खेलते हुए पहली बार विंबलडन ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंच सकी है. इससे पहले साल 2019 के फ्रेंच ओपन का भी वह फाइनल मुकाबला खेली थी. लेकिन तब ग्रैंडस्लैम नहीं जीत सकी थी. जिसके चार साल बाद अब फिर से वोंड्रोसोवा के पास अपने करियर का पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का मौका है.
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