भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia Test) के बीच खेला गया दिल्ली टेस्ट चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के करियर का 100वां टेस्ट रहा. इसमें उन्होंने चौका लगाकर भारत को छह विकेट से जीत दिलाई. दिल्ली टेस्ट जीतने के साथ ही भारत ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) पर कब्जा बरकरार रखा. साथ ही वर्तमान सीरीज में 2-0 की बढ़त ले ली. दिल्ली टेस्ट के नतीजे के दौरान ही सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी 2022-23 का खिताब जीता. जयदेव उनादकट की उम्दा कप्तानी में सौराष्ट्र ने बंगाल को नौ विकेट से हराया और तीन एडिशन में दूसरी बार खिताब जीता. चेतेश्वर पुजारा घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र के लिए ही खेलते हैं. वे अपनी टीम की जीत से गदगद दिखाई दिए.
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पुजारा को जब दिल्ली टेस्ट जीतने के बाद बताया गया कि सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी जीत ली है तब वे काफी खुश हो गए. उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा, अरे शानदार, सभी को जीत की बधाई. मैं स्कोर देख रहा था लेकिन लंच के बाद नहीं देख पाया. टीम ने शानदार काम किया है. पुजारा ने इस रणजी सीजन में सौराष्ट्र के लिए दो मुकाबले खेले थे. इसमें उन्होंने 121 रन बनाए थे. नॉकआउट मैचों में वे टीम के साथ नहीं थे लेकिन सौराष्ट्र के बाकी खिलाड़ियों ने पूरी जिम्मेदारी से खेल दिखाया और चैंपियन बन गए.
उनादकट के नौ विकेट से बंगाल का निकला दम
रणजी ट्रॉफी फाइनल के लिए टीम इंडिया ने उनादकट को रिलीज कर दिया था. उन्होंने फाइनल में शानदार खेल दिखाया और मैच में कुल नौ विकेट चटकाए. इनमें से छह विकेट उन्होंने दूसरी पारी में लिए. सौराष्ट्र ने फइनल में पहली पारी के आधार पर 230 रन की बड़ी बढ़त ली थी. इसके जवाब में बंगाल ने दूसरी पारी में चौथे दिन की शुरुआत चार विकेट पर 169 रन से आगे से की लेकिन उसकी पूरी टीम 241 रन पर आउट हो गई. सौराष्ट्र को मैच अपने नाम करने के लिए 12 रन का लक्ष्य मिला. आकाशदीप की गेंद पर सौराष्ट्र ने सलामी बल्लेबाज जय गोहिल (शून्य) का विकेट गंवाया लेकिन टीम 2.4 ओवर में 14 रन बनाकर दूसरी बार रणजी ट्रॉफी चैम्पियन बनी.
बंगाल का 33 साल का सपना टूटा
सौराष्ट्र को पिछला खिताब 2019-20 सत्र में मिला था. उस समय टीम ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर बंगाल को पछाड़ा था. सौराष्ट्र ने पिछले 10 सत्र में पांच बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाकर अपनी निरंतरता साबित की. बंगाल की टीम एक बार फिर चैम्पियन बनने से चूक गई. उसने अपना पिछला खिताब 1989-90 में इसी ईडन गार्डन्स मैदान में सितारों से सजी दिल्ली को हरा कर जीता था. टीम का पहला खिताब 1938-39 में आजादी से पहले के दौर में आया था.
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