भारत के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में वरुण चक्रवर्ती का बहुत बड़ा हाथ रहा. उन्होंने इस टूर्नामेंट में तीन मैचों में कुल 9 विकेट लिए. जिसमें एक फाइफर भी शामिल है. चक्रवर्ती को टूर्नामेंट में शुरुआती दो मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी ग्रुप स्टेज मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया और अपने पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी मैच में चक्रवर्ती ने पांच विकेट लेकर तबाही मचा दी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल और न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल दोनों नॉकआउट मैचों में उन्होंने 2-2 विकेट लिए.
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भारत की फाइनल में जीत के बाद चक्रवर्ती ने चैंपियंस ट्रॉफी की टीम में अचानक हुए अपने चयन पर चुप्पी तोड़ी. दरसअसल मिस्ट्री स्पिनर चक्रवर्ती भारत के शुरुआती 15 सदस्यीय स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थे, जिसके बाद उनके चयन की मांग भी होने लगी थी. इसके बाद फाइनल स्क्वॉड के आखिरी दिन अचानक उन्हें चुन लिया गया. चक्रवर्ती ने स्क्वॉड में यशस्वी जायसवाल को रिप्लेस किया था. जिन्हें भारत के शुरुआती स्क्वॉड में चुना गया था.
टीम में अचानक चुने जाने पर चक्रवर्ती ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्हें अचानक शामिल किया गया था और उन्हें इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. भारत की जीत के बाद उन्होंने कहा-
हां तो मुझे अचानक शामिल कर लिया गया और मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह इस तरह से होगा और यह एक सपना सच होने जैसा है.
गेंदबाजी को लेकर चक्रवर्ती ने कहा-
हां, यह अच्छा था, क्योंकि पहली पारी में स्पिन कम थी और हमें बहुत अनुशासित होना था और स्टंप पर टिके रहना था.
फाइनल में चक्रवर्ती ने सबसे बड़ा विकेट लिया था. पहले तो उन्होंने विल यंग को एलबीडब्ल्यू करके रचिन रवींद्र के साथ उनकी 57 रन की पार्टनरशिप को तोड़ दिया और फिर इसके बाद उन्होंने ग्लेन फिलिप्स को 34 रन पर बोल्ड कर दिया.
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