इंग्लिश ऑलराउंडर डेविड विली (David Willey) कहना है कि उन्हें गधा बुलाया जा सकता है और वो उतनी मेहनत करने के लिए भी तैयार हैं. दरअसल विली की नजर अगले महीने होने वाले वर्ल्ड कप की इंग्लिश टीम में जगह बनाने पर है. विली को वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड की शुरुआती स्क्वॉड में शामिल किया गया है, मगर जब तक वो टूर्नामेंट के लिए भारत रवाना नहीं हो जाते, वो कुछ भी हल्के में नहीं लेंगे. दरअसल विली को अभी भी सपना टूटने का डर सता रहा है. 2019 में इंग्लिश टीम अपने घर में पहली बार वनडे में वर्ल्ड चैंपियन बनी थी. इंग्लिश टीम ने जब ट्रॉफी उठाई तो विली खुश भी थे तो मायूस भी थे. वो 2019 वर्ल्ड कप के लिए भी शुरुआती स्क्वॉड का हिस्सा थे, मगर जोफ्रा आर्चर के आने से उनका पत्ता साफ हो गया था.
ADVERTISEMENT
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे से पहले विली ने कहा कि वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा बनने से चूकने का उन्हें मलाल था. उन्होंने ये भी माना कि टीम से बाहर होने के बाद उन्हें डर लगने लगा था कि उनका इंटरनेशनल करियर खत्म हो चुका है. हालांकि इसके बाद विली ने जोरदार वापसी की. वो पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली इंग्लिश टीम का भी हिस्सा रहे. अब उनकी नजर भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप पर है. हालांकि एक बार फिर आर्चर स्पॉटलाइट में आ गए हैं. वो बीते दिन इंग्लैंड के प्रैक्टिस सेशन में नजर आए.
वर्ल्ड कप के लिए रवाना होने तक आराम नहीं
आर्चर पिछले 2 साल से चोट से जूझ रहे हैं. विली उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उनकी जगह को नुकसान नहीं होगा. इंग्लैंड 28 सितंबर तक अपनी टीम फाइनल कर सकती है. विली का कहना है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम में जगह मिलने से वो खुश हैं, मगर जब तक वर्ल्ड कप के लिए रवाना नहीं हो जाते, वो आराम नहीं कर सकते.
विली क्यों बोले गधे की जरूरत होती है
विली ने कहा कि ये उनके नियंत्रण से बाहर है. 2019 में भी उनके नियंत्रण से बाहर था. विली अपने करियर से चोटों से लगभग दूर ही रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी ताकत इंग्लैंड के लिए अहम साबित हो सकती है. विली का कहना है कि चाहे तो उन्हें गधा भी बुलाया जा सकता है, मगर कठिन सफर के लिए एक गधे की जरूरत होती है.
ये भी पढ़ें
Naseem Shah Injury: पाकिस्तान को एशिया कप में जोर का झटका, नसीम शाह टूर्नामेंट से बाहर, टीम में आया मलिंगा जैसा बॉलर
ICC ODI Rankings: शुभमन गिल नंबर 2 बल्लेबाज बने, रोहित-कोहली को भी फायदा, साढ़े 4 साल बाद टॉप-10 में तीन भारतीय