एक और नॉकआउट मैच और एक बार फिर टीम इंडिया ने फैंस का दिल तोड़ दिया. ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय महिला टीम को टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में 5 रन से हरा दिया और फाइनल में पहुंचने के सपने पर पानी फेर दिया. मुकाबले से पहले यही कहा जा रहा था कि अगर कोई टीम ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है तो वो टीम इंडिया ही है. पहले 10 ओवरों तक टीम इंडिया ने चैंपियन वाला खेल दिखाया लेकिन हरमनप्रीत कौर का एक रनआउट और पूरी टीम बैकफुट पर चली गई. जमाइमा ने स्टेज सेट किया और ऐसा लग रहा था कि कप्तान हरमन के साथ मिलकर वो जीत दिलाएंगी लेकिन टीम के साथ इन दोनों बल्लेबाजों की भी किस्मत खराब थी. बेहद कम बार ऐसा देखने को मिलता है जब कोई बल्लेबाज विकेट के पीछे इस तरह से कैच आउट होता है और दूसरा इस तरह से रनआउट होता है. हालांकि टीम ने कुछ गलतियां भी कीं जिससे मैच फंसा और ऑस्ट्रेलिया ने बाजी मार ली.
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ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और 4 विकेट के नुकसान पर 172 रन ठोके जिसके जवाब में भारतीय टीम 20 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर सिर्फ 167 रन ही बना पाई. लेकिन इन सबके बीच चलिए जानते हैं वो 5 कारण कि आखिर टीम इंडिया से कहां हुई चूक और टीम ने कैसे गंवाया सेमीफाइनल.
खराब फील्डिंग और ड्रॉप कैच
भारतीय महिला टीम ने अगर ये मुकाबला गंवाया है तो इसकी सबसे बड़ी वजह टीम की खराब फील्डिंग रही. ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग ने 34 गेंद पर 49 रन ठोके लेकिन जब वो 1 रन पर थीं तभी स्नेह राणा की गेंदबाजी में विकेटकीपर रिचा घोष ने उनका कैच छोड़ दिया. इसके अगले ओवर में ही एक और ड्रॉप कैच हुआ और ये कैच बेथ मूनी का था. राधा यादव की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर शेफाली वर्मा ने मूनी का कैच छोड़ दिया. मूनी उस वक्त 32 रन पर थीं. इसके बाद इस बल्लेबाज ने 37 गेंद पर 54 रन ठोक डाले और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा टोटल करने में अहम भूमिका निभाई.
आखिरी ओवर के रन पड़े भारी
भारतीय टीम को 5 रन से हार मिली. लेकिन अगर टीम इंडिया के गेंदबाज आखिरी के दो ओवर में 30 रन न लुटाते और कंट्रोल कर लेते तो टीम को इससे फायदा मिलता. क्योंकि आखिरी के दो ओवर में टीम इंडिया को 12 गेंद पर 20 रन बनाने थे. ये लक्ष्य कम हो सकता था क्योंकि जिस तरह से हरमनप्रीत कौर और जमाइमा बल्लेबाजी कर रहीं थी उससे सबकुछ आसान लग रहा था. लेकिन रन लुटाना टीम के लिए बेहद भारी पड़ा.
ओपनर्स का फेल होना
173 रन का लक्ष्य बेहद बड़ा था और टीम के ओपनर्स यानी की शेफाली वर्मा और स्मृति मांधना से बेहद ज्यादा उम्मीदें थीं. लेकिन दोनों ही ओपनर्स टीम को अच्छी शुरुआत न दे पाईं और सस्ते में पवेलियन लौट गईं. शेफाली वर्मा 9 रन बनाकर lbw हो गईं और मांधना को गार्डनर ने lbw कर 2 रन पर चलता किया.
जमाइमा रोड्रिगेज का हरमन का साथ छोड़ना
मैच को बनाने में अगर किसी बल्लेबाज ने सबसे अहम रोल निभाया तो वो जमाइमा रोड्रिगेज रहीं. जमाइमा तीसरे ओवर में क्रीज पर आईं जब टीम ने 2 विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद जमाइमा ने अलग खेल दिखाया 24 गेंद पर 6 चौकों की मदद से 43 रन ठोक डाले. जमाइमा ने टीम के स्कोर को 15 रन से सीधे 97 तक पहुंचाया. लेकिन डार्सी ब्राउन की एक शॉर्ट बाउंसर को कट खेलने के चक्कर में उनके बल्ले का एड्ज लग गया और वो विकेटकीपर को कैच दे बैठीं. जमाइमा और हरमन क्रीज पर सेट थीं लेकिन साझेदारी टूटते ही मैच ऑस्ट्रेलिया के पाले में चला गया.
हरमनप्रीत का रन आउट होना
हरमनप्रीत कौर और टीम इंडिया के फैंस शायद ही कभी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल का ये रनआउट भुला पाएंगे. 15वें ओवर की चौथी गेंद पर हरमनप्रीत का रनआउट होना टीम इंडिया की रणनीति पर पानी फेर गया. टीम इंडिया ने 4 विकेट के नुकसान पर 132 रन बना लिए थे. और अगले 32 गेंद पर टीम को 40 रन बनाने थे. लेकिन 15वें ओवर की चौथी गेंद पर हरमनप्रीत कौर दो रन लेने के चक्कर में रनआउट हो गईं. रन काफी आसान था लेकिन क्रीज से पहले उनका बल्ला फंस गया और वो कुछ इंच से चूक गई. उनके जाते ही पूरा मैच पलट गया और अंत में भारत ये मैच 5 रन से हार गया.
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