Harshit Rana on Gautam Gambhir: टीम इंडिया के लिए पर्थ टेस्ट में डेब्यू करने वाले हर्षित राणा के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है. इस गेंदबाज ने लंबा इंतजार किया जिसके बाद उन्हें टीम इंडिया के भीतर डेब्यू करने का मौका मिला. हर्षित इससे पहले लगातार टीम के साथ ट्रैवल करते रहते थे लेकिन वो डेब्यू नहीं कर पा रहे थे. इस बीच राणा को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौका मिला और इस गेंदबाज ने अच्छा प्रदर्शन किया.
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गौती भइया ने काफी मदद की: राणा
हर्षित राणा ने अपने सफर को याद करते हुए कहा कि वो काफी धैर्य के साथ इस मौके का इंतजार कर रहे थे. राणा ने कहा कि यहां तक पहुंचने में टीम के हेड कोच गौतम गंभीर का अहम रोल रहा है. राणा ने बताया कि, गौती भइया ने मुझे काफी ज्यादा मोटिवेट किया. वो मुझे हमेशा यही कहते थे कि तुम्हें जब भी मौका मिले तुम उसका भरपूर फायदा उठाना और शानदार खेल दिखाना. याद रखना भारत कई सारे खिलाड़ियों का पूल है और तुम्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है.
राणा ने आगे कहा कि, मेरे लिए ये काफी मुश्किल हो रहा था क्योंकि मैं टीम में तो चुन लिया जाता था लेकिन मुझे डेब्यू करने का मौका नहीं मिल पा रहा था. लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि गंभीर भइया ने मुझे हमेशा की मोटिवेट किया है. वो हर मैच से पहले मेरे पिता से बात करते थे और उन्हें यही समझाते थे कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसे में जैसे ही मुझे मौका मिला, मैंने दोनों हाथों से उसे लपक लिया.
पिता के साथ टीवी पर BGT देखता था: राणा
राणा ने डेब्यू पर गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया और पहली पारी में तीन विकेट लिए. उन्होंने अपना पहला शिकार ट्रेविस हेड को बनाया. राणा ने इस विकेट को लेकर कहा कि, मैं अपने प्रदर्शन से काफी ज्यादा खुश हूं. अगर हम हेड की बात करें तो उन्हें फंसाने के लिए हमने काफी ज्यादा प्लानिंग की थी.
बता दें कि केकेआर के पेसर ने यहां ये भी कहा कि वो पुराने दिनों में अपने पिता के साथ बैठकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी देखा करते थे. उनहोंने कहा कि, मैं सुबह उठता था और ऑस्ट्रेलिया में हो रहे मैचों को अपने पिता संग बैठकर टीवी पर देखता था. लेकिन अब मैं यहां पहुंच चुका हूं और मेरे लिए ये बड़ी बात है. जब मुझे अपने डेब्यू के बारे में पता चला तो मेरे आंखों से आंसू आ गए. मैं रात सो नहीं पाया था.
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