चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल 2025 में जूझ रही है. टीम चार में से तीन मुकाबले गंवा चुकी है और अंक तालिका में नौवें नंबर पर है. इन चार मैचों में चेन्नई का मैनेजमेंट 17 खिलाड़ियों को आजमा चुका है लेकिन इनमें से सब जाने-माने नाम है. किसी भी युवा या नए चेहरे पर दांव नहीं खेला गया है. यह लगातार देखा गया है कि चेन्नई नए चेहरों या युवा खिलाड़ियों पर कम भरोसा करती है. 2018 में बैन से वापस आने के बाद से देखा जाए तो ऋतुराज गायकवाड़, मुकेश चौधरी, समीर रिजवी जैसे कुछेक नाम ही हैं जिन्हें इस टीम ने तब मौका दिया जब इन्हें बहुत कम जानते थे. इस बारे में अब चेन्नई सुपर किंग्स के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने जवाब दिया है.
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फ्लेमिंग का कहना है कि वह युवा जोश की जगह अनुभवी सोच के कायल हैं. दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 25 रन से हार के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं अनुभव का फैन हूं. बड़े खिलाड़ी परंपरागत रूप से टूर्नामेंट के दौरान आगे आते हैं और तब युवा खिलाड़ी कैमियो (छोटे मगर असरदार) रोल निभा सकते हैं. हमने सालों से अनुभव को तवज्जो दी है और उन्होंने अच्छा काम किया है. ऐसा नहीं है कि हम युवा खिलाड़ियों को पसंद नहीं करते. हमें कंसिस्टेंसी और समस्या सुलझाने वाले लोग पसंद हैं. जिन लोगों के पास अनुभव होता है वे आमतौर पर ऐसा ज्यादा कर पाते हैं.'
चेन्नई ने 2018 में चुने थे 11 थर्टी प्लस खिलाड़ी
चेन्नई ने 2018 में जब नए सिरे से टीम बनाई थी तब अधिकतर खिलाड़ी ऐसे चुने गए थे जो संन्यास ले चुके थे या फिर लेने वाले थे. इनमें शेट वॉटसन, फाफ डुप्लेसी, अंबाती रायडू, ड्वेन ब्रावो, हरभजन सिंह, इमरान ताहिर जैसे नाम शामिल थे. सीएसके की 25 सदस्यीय टीम में से 11 खिलाड़ियों की उम्र 30 साल से ऊपर थी. इस वजह से सीएसके को डैड्स आर्मी कहा जाता है. हालांकि सीएसके को अनुभव को तवज्जो देना रास आया है और पांच बार विजेता बनकर वह आईपीएल की संयुक्त रूप से सबसे सफल टीम है.
चेन्नई से इतर मुंबई इंडियंस ने भी पांच बार आईपीएल जीता है. लेकिन इस टीम ने युवाओं पर भरोसा जताया और हर सीजन में अपने स्काउट्स के दम पर नए खिलाड़ी तलाशे हैं जो आगे चलकर सुपरस्टार बने हैं. इनमें युजवेंद्र चहल, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, तिलक वर्मा, क्रुणाल पंड्या जैसे नाम शामिल हैं.
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