मुशीर खान ने क्रिकेट के मैदान में बेजोड़ जज्बे का नजारा पेश किया. आठ नवंबर की सुबह जब मुशीर खान रणजी ट्रॉफी मैच के लिए मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स जाने वाले थे. तभी पता चला कि मुशीर खान के मामा का देहांत हो गया है. दिल के बेहद करीब मामू को खोने के बावजूद मुशीर ने हार नहीं मानी और मैदान में आकर उन्होंने शतक जड़ा तो जश्न के बजाए उनकी आंखों से आंसू बाहर आ गए. मुशीर ने कहा कि ये शतक बहुत खास है.
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मुशीर खान बने मुंबई के संकटमोचक
मुंबई और हिमाचल के बीच मुंबई के हीए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में रणजी मैच शुरू हुआ. इसके पहले दिन एक समय मुंबई के 35 रन पर तीन तो 75 रन के स्कोर तक चार विकेट गिर चुके थे. लेकिन ओपनिंग करने आए मुशीर खान ने एक छोर पकड़े रखा और संभलकर बल्लेबाजी का नजारा पेश किया जबकि उनका साथ सिद्धेश लाड ने भी निभाया. इन दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 157 रन की साझेदारी हुई. जिससे मुंबई ने मैच में वापसी कर ली.
मुशीर खान ने मामू को लेकर क्या कहा ?
मुशीर खान ने 162 गेंद में 14 चौके से 112 रन बनाए तो उनके बड़े भाई सरफराज खान 16 रन ही बना सके. मुशीर ने शतक जड़ने के बाद मामू को याद करते हुए कहा,
ये शतक काफी स्पेशल है, क्योंकि काफी लंबे समय के बाद आया है. मैं बहुत ज्यादा इमोशनल महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैंने अपने मामूको सुबह खो दिया. उनके साथ मेरी काफी अच्छी यादें थी और मैं उनकी गोद में भी खेला.
मुशीर खान का करियर
मुशीर खान के फर्स्ट क्लास क्रिकेट की ये चौथी सेंचुरी थी. पिछला शतक उन्होंने पिछले साल सितंबर में जड़ा था. 20 साल के मुशीर अभी तक 13 फर्स्ट क्लास मैचों में चार शतक जड़ चुके हैं.
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