इंग्लैंड (England) के लेग स्पिनर आदिल राशिद (Adil Rashid) और ऑलराउंडर मोईन अली (Moeen Ali) से पूर्व कप्तान ऑएन मॉर्गन (Eoin Morgan) ने बातचीत करते हुए उनके मजहब और हज के बारे में कई सवाल पूछे. आदिल राशिद हाल में ही हज करके लौटे हैं. मोईन और आदिल दोनों को कई मौकों पर देखा गया है कि वे इस्लाम की मान्यता केअनुसार ही खेल के मैदान पर बर्ताव करते हैं. जैसे इस्लाम में शराब हराम है इस वजह से दोनों इंग्लैंड के 2019 वर्ल्ड कप जीतने के दौरान जश्न के दौरान दूर रहे थे क्योंकि बाकी खिलाड़ियों ने शैंपेन उछालकर जश्न मनाया था.
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मजहब और हज को लेकर पूर्व कप्तान ने पूछे सवाल
पूर्व कप्तान ऑएन मॉर्गन ने मोईन अली से सवाल किया कि आपके लिए मजहब और हज कितना मायने रखता है? इस सवाल का जवाब देते हुए मोईन अली ने कहा, ‘मजहब मेरे लिए बहुत मायने रखता है. यह मेरे लिए सब कुछ है और सबसे पहली चीज है न सिर्फ मेरे लिए बल्कि मेरे परिवार के लिए मजहब बहुत ज्यादा अहम है. हम अपनी निजी जिंदगी में मजहब को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं.'
हज के बारे में बात करते हुए मोईन ने कहा, 'जब मैं हज करने गया था तो तकरीबन 40 लाख मुसलमान हज करने आए थे. हज सब्र सिखता है और जिंदगी को बदलकर रख देता है. अगर मौका मिलता है तो जरूर हज करें.' मोईन अली ने कहा कि हज इस्लाम के पांच पिलर में से एक है. जैसे क्रिकेट में क्रिकेटर्स रोल मॉडल होते हैं ठीक उसी तरह मजहब में पैगंबर रोल मॉडल हैं.
आदिल राशिद ने हज के बारे में बात करते हुए कहा कि यह आपको धैर्य रखना सिखाता है. आपके पास जो कुछ भी है उसके लिए आभारी होना सिखाता है. आदिल राशिद ने हज के लिए कुछ समय क्रिकेट से ब्रेक लिया था. इसके चलते वे भारत के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज नहीं खेल पाए थे.
मॉर्गन ने यह भी पूछा कि क्या इंग्लैंड टीम के चेंजिंग रूम में अलग-अलग धर्मों को लेकर क्या माहौल रहता है. अली ने कहा, ‘चेंजिंग रूम में सब एक दूसरे से मिलजुल कर रहते हैं. हमारे बीच में जो भी अंतर हो, जब हम ड्रेंसिग रूम में आते हैं तो जैसे ग्लव्स में अंगुलियां फिट हो जाती है उसी तरह हमलोग चेंजिंग रूम में हम लोग फिट हो जाते हैं. यही सबसे अच्छी चीज है.’