भारतीय क्रिकेट में नए दौर की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान शुभमन गिल की गर्दन की चोट और उनके वर्कलोड मैनेजमेंट पर गंभीर बहस छिड़ गई है. कोच गौतम गंभीर के आने के बाद टीम की रणनीति, स्थिर बैटिंग ऑर्डर की कमी और ऑलराउंडर्स पर बढ़ती निर्भरता जैसे मुद्दों पर गहन विश्लेषण किया जा रहा है. चर्चा इस बात पर भी केंद्रित है कि क्या खिलाड़ियों को ब्रेक लेने के लिए विराट कोहली द्वारा स्थापित मिसाल का पालन करना चाहिए. इस बीच, सरफराज खान और यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके न मिलने और भारतीय क्रिकेट में पीआर और नैरेटिव के बढ़ते प्रभाव पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके अलावा, IPL 2026 से पहले रवींद्र जडेजा और संजू सैमसन के संभावित ट्रेड, भारत की टेस्ट मैच रणनीति और पिचों की तैयारी जैसे विषयों ने भी क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है.
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