टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने एमएस धोनी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पठान ने कहा कि धोनी ने मुझे साल 2009 में वनडे टीम से ड्रॉप कर दिया था. इरफान पठान ने बताया कि, उस दौरान मैं टीम को जीत दिला रहा था और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा था. उस दौरान मुझे ड्रॉप नहीं किया जा सकता था. इसके बाद मैं हेड कोच गैरी कर्स्टन के पास गया लेकिन उन्होंने धोनी का नाम नहीं लिया और मुझे कहा कि, ये सब उनके हाथ में नहीं है.
ADVERTISEMENT
बता दें कि हाल ही में वीरेंद्र सहवाग ने भी खुलासा किया था कि एमएस धोनी ने साल 2008 में उन्हें ड्रॉप कर दिया था. इसके बाद वो सचिन तेंदुलकर के पास गए थे लेकिन सचिन ने उन्हें और मेहनत और वापसी करने के लिए कहा. फिर कुछ महीने बाद सहवाग की टीम के भीतर वापसी हुई थी और साल 2011 में वो चैंपियन टीम का हिस्सा बने थे.
स्मिथ और विलियमसन की तूफानी पारी से जीता लंदन, जो रूट की टीम को मिली 21 रन से करारी हार
लल्लनटॉप से खास बातचीत में पठान ने कहा कि, मेरे भाई (यूसुफ पठान) और मैंने श्रीलंका में मैच जीते थे. जिस स्थिति में हमने जीत हासिल की थी, अगर हमारी जगह कोई और होता तो उसे एक साल के लिए ड्रॉप नहीं किया जाता. उस श्रीलंका के खिलाफ मैच में हमें सिर्फ 27-28 गेंदों में 60 रन चाहिए थे, और हमने वहां से मैच जीत लिया.''
गैरी ने मुझे जवाब नहीं दिया लेकिन मुझे पता था ये धोनी का फैसला है
इरफान ने आगे कहा कि, "न्यूजीलैंड में, मुझे पहले मैच, दूसरे मैच और तीसरे मैच में भी बेंच पर बिठाया गया. चौथा मैच बारिश की वजह से ड्रॉ हो गया. मैं फाइनल मैच में भी नहीं था. फिर मैंने गैरी सर से पूछा कि मुझे क्यों ड्रॉप किया गया. अगर मुझे कुछ सुधारना है, तो वो मुझे बता सकते हैं, लेकिन मुझे यह जानना था कि मुझे बाहर क्यों रखा गया." कर्स्टन ने मुझे दो कारण बताए. उन्होंने कहा, 'कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं.' ये गैरी के बिल्कुल वही शब्द थे. मैंने पूछा कि ये किसके हाथ में है, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं बताया. मुझे पहले से ही पता था कि ये किसके हाथ में है. प्लेइंग इलेवन का फैसला कप्तान की पसंद से होता है. फैसला कप्तान, कोच और मैनेजमेंट के पास होता है. उस समय धोनी कप्तान थे. मैं इस बात में नहीं जाऊंगा कि वह फैसला सही था या गलत, क्योंकि हर कप्तान को अपनी तरह से टीम चलाने का हक होता है.''
इरफान ने इंटरव्यू में आगे कहा कि, "दूसरा जवाब था कि वे नंबर 7 पर एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर की तलाश में थे. ठीक है, मेरा भाई बल्लेबाजी ऑलराउंडर था, जबकि मैं गेंदबाजी ऑलराउंडर था. दोनों एक-दूसरे से अलग थे, लेकिन टीम में सिर्फ एक के लिए जगह थी. आजकल अगर आप पूछें कि क्या दो ऑलराउंडर चाहिए, तो लोग खुशी-खुशी दोनों को ले लेंगे."
बता दें कि इरफान ने अंत में 120 वनडे खेले, जिसमें उन्होंने 173 विकेट लिए और 1500 से ज्यादा रन बनाए.
ADVERTISEMENT