इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने चलाई चाबुक, IPL छोड़ पाकिस्तान सुपर लीग सहित अन्य विदेशी लीग में नहीं खेल सकेंगे इंग्लिश खिलाड़ी, जानिए क्या है ठोस कदम ?

ईसीबी ने हालांकि खिलाड़ियों पर चलाई गई चाबुक से आईपीएल को बाहर रखा है. जबकि बाकी देशों की टी20 लीग्स में इंग्लैंड के खिलाड़ियों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए मजबूत प्लान तैयार किया है.

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जेसन रॉय

पाकिस्तान सुपर लीग में एक मैच में फिफ्टी जड़ने के बाद जेसन रॉय

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England Cricket Board : इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर गिरी गाज

England Cricket Board : PSL सहित अन्य लीग नहीं खेल सकेंगे खिलाड़ी

England Cricket Board : इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों की आईपीएल और पाकिस्तान सुपर लीग सहित बढ़ती तमाम विदेशी टी20 लीग्स में खेलने से रोकने का मजबूत प्लान तैयार किया है. ईसीबी ने हालांकि खिलाड़ियों पर चलाई गई चाबुक से आईपीएल को बाहर रखा है. जबकि बाकी देशों की टी20 लीग्स में इंग्लैंड के खिलाड़ियों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए मजबूत प्लान तैयार किया है. क्योंकि ऐसा होने से इंग्लैंड में होने वाले काउंटी क्रिकेट को उनके ही देश के खिलाड़ी बैक अप के रूप में देख रहे हैं. 


पाकिस्तान में नहीं खेल सकेंगे इंग्लैंड के खिलाड़ी 


द टेलीग्राफ में छपी खबर के अनुसार इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने काउंटी क्रिकेट के बोर्ड के साथ मिलकर एनओसी के लिए दोहरी प्रक्रिया अपनाई है. अब खिलाड़ियों को अगर विदेशी लीग में खेलना है तो उन्हें पहले अपनी काउंटी टीम से एनओसी लेनी होगी और इसके बाद ईसीबी से एनओसी लेनी होगी. जबकि अभी तक एनओसी देने का काम सिर्फ ईसीबी के पास था. जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी काउंटी क्रिकेट को कभी भी छोड़कर विदेशों में होने वाली टी20 लीग्स में भाग लेने चले जाते थे. जिसमें पाकिस्तान सुपर लीग में अब इंग्लैंड के खिलाड़ियों के खेलने पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. 


अप्रैल में आयोजित होगी PSL

 

दरअसल, पाकिस्तान में पाकिस्तान सुपर लीग के आगामी 2025 सीजन का आगाज सात अप्रैल से लेकर 20 मई तक होना है. जबकि इंग्लैंड में काउंटी सीजन का आगाज भी इसी दौरान होना है. आईपीएल और पीएसएल मिलाकर कुल 122 विदेशी खिलाड़ियों के स्लॉट खाली हैं, जिसमें 30 इंग्लिश खिलाड़ी काउंटी क्रिकेट छोड़कर इन लीग्स में खेलते नजर आ सकते हैं . जबकि इंग्लैंड के प्राइम समर के दौरान इन खिलाड़ियों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है. यही कारण है कि काउंटी क्रिकेट के बोर्ड ने अब ईसीबी के समक्ष चिंता व्यक्त की है. 

काउंटी बोर्ड ने क्या कहा ?


काउंटी क्रिकेट बोर्ड्स का कहना है कि खिलाड़ी साल भर हमारे साथ रहकर ट्रेनिंग, मैदान और मेडिकल सुविधा का लाभ उठाते हैं. लेकिन जब मैच खेलने की बारी आती है तो वह विदेशी लीग्स खेलने चले जाते हैं. क्योंकि खिलाड़ियों के पास अभी अधिकार ज्यादा है. उन्हें ईसीबी से जल्दी एनओसी मिल जाती है और काउंटी की टीम मना करती है तो वह धमकी देते हैं कि हम किसी और काउंटी टीम से क्रिकेट खेल लेंगे. इन सब चीजों को लेकर काउंटी क्रिकेट बोर्ड अब अपने खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में ही खेलते देखना चाहते हैं. 

ल्युक वुड का दिया गया उदाहरण 


उदाहरण के तौरपर लंकाशर के लिए खेलने वाले ल्युक वुड ने काउंटी क्लब डिवीजन के अंतिम चरण के मैचों से अपने नाम वापस ले लिया. क्योंकि उन्हें जिम्बाब्वे में जिम एफ्रो टी10 लीग खेलनी थी. अब एनओसी नीति में प्रस्तावित परिवर्तन के तहत इस तरह के कदम की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि वुड फर्स्ट क्लास क्रिकेट से पूरी तरह से संन्यास नहीं ले लेते.

ईसीबी लाएगी नई नीति 


सिर्फ पाकिस्तान सुपर लीग ही नहीं ईसीबी ने मेजर लीग क्रिकेट, ग्लोबल टी-20 कनाडा, कैरेबियन प्रीमियर लीग और जिम एफ्रो टी-10 ये सभी लीग इंग्लिश समर क्रिकेट के दौरान खेली गई हैं. इसी चीज को देखते हुए अब आने वाले सप्ताह में एक नई खेल-व्यापी नीति पर सहमति बन सकती है जिसके तहत ECB का एनओसी पर ज़्यादा कंट्रोल मिलेगा जैसा कि कई काउंटी क्रिकेट निदेशकों ने आग्रह किया है. 

 

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