जितेश शर्मा की अगुआई वाली भारत ए टीम ने राइजिंग स्टार्स एशिया कप के ग्रुप स्टेज के मैच की शुरुआत में पाकिस्तानी से हाथ नहीं मिलाया. उन्होंने पिछले दो महीनों से पाकिस्तान टीम से हाथ ना मिलाने की भारत के रुख को जारी रखा. नेशनल एंथम के बाद दोनों टीमें अपने-अपने रास्ते चली गईं. इरफ़ान खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान शाहीन ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया.
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दो महीने पहले एशिया कप के दौरान भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से टॉस के वक्त हाथ नहीं मिलाया था. उस टूर्नामेंट में भारतीय टीम तीन बार पाकिस्तान से टकराई थी और तीनों ही बार भारत ने पाकिस्तान को नजरअंदाज किया. इतना ही नहीं, भारत ने खिताबी जीत के बाद भी मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं ली थी. जितेश ने अपने सीनियर खिलाड़ियों की तरह टॉस के समय पाकिस्तान शाहीन्स के कप्तान इरफान से हाथ ना मिलाने का फैसला किया.
भारत ने नहीं ली ट्रॉफी
एशिया कप टूर्नामेंट शुरू से ही तनाव से भरा रहा था, जो फाइनल तक रहा, जिसे भारत ने पांच विकेट से जीत लिया था. हालांकि इसके बाद जो हुआ, उसकी शायद ही किसी को उम्मीद थी. भारत के रुख से हर कोई वाकिफ था. भारत ने एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था. प्रेजेंटेशन सेरेमनी एक घंटे की देरी से शुरू हुई थी. नकवी ट्रॉफी लेकर खड़े थे, मगर सूर्या ट्रॉफी लेने के लिए स्टेज पर नहीं गए. इसके बाद नकवी ने जो किया, वो काफी शर्मनाक था. वह अपने हाथ से भारत को ट्रॉफी देना चाहते थे और इस जिद के चलते वह ट्रॉफी लेकर वहां से चले गए. भारतीय टीम अभी तक एशिया कप ट्रॉफी को अपने हाथों में नहीं ले पाई.
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