क्रिकेट की दुनिया में रवींद्र जडेजा आज ‘सर’ नाम से फेमस हैं. जडेजा ने अपने दम पर भारत को कई शानदार जीत दिलाई. उनकी काबिलियत को देखकर दुनिया ने भी उनको सेल्यूट किया. फैंस इसी वजह से उन्हें सर भी बुलाने लगे. क्रिकेट की दुनिया में जडेजा बहुत बड़ा नाम है, मगर एक समय था, जब उन्होंने इसी खेल से दूरी बनाने का फैसला कर लिया था. एक त्रासदी से वो टूटकर बिखर गए थे, मगर फिर उन्होंने खुद को संभाला. जिंदगी में वापस खड़े हुए. दौड़े और आज वो उस मुकाम पर हैं, जिस मुकाम पर उनकी मां उन्हें देखना चाहती थी.
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6 दिसंबर 1988 में जामनगर में जन्में जडेजा के पिता एक वॉचमैन थे. उनके पिता तो चाहते थे कि जडेजा आर्मी ऑफिसर बने. मगर वो क्रिकेटर बनना चाहते थे. इस वजह से बचपन में जडेजा को अपने पिता से डर भी लगता था, मगर मां ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए जी जान लगा दी. लोअर मिडिल क्लास परिवार से होने के बावजूद मां ने उनकी हर एक मांग पूरी की, मगर साल 2005 में जब जडेजा 16 साल के थे तो उनकी जिंदगी में तूफान आ गया.
किचन में आगे लगने से मां की मौत
2005 में रसोई में आग लगने से जडेजा की मां की मौत हो गई. मां का दुनिया से चले जाना उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी त्रासदी थी. मां की मौत के दर्द ने उन्हें क्रिकेट से लगभग दूर कर दिया था, मगर फिर उन्हें याद आया कि उन्हें क्रिकेट क्यों नहीं छोड़ना चाहिए. उनकी मां ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए क्या नहीं किया. इसके बाद उन्होंने हिम्मत जुटाई और मां के लिए मैदान पर वापसी की. 2005 में ही उन्हें भारत की अंडर 19 टीम में पहली बार मौका मिला. फिर अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम में चुने गए, जहां भारतीय टीम रनर अप रही. उस टूर्नामेंट में जडेजा ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में तीन विकेट लिए थे.
फर्स्ट क्लास में तीन ट्रिपल सेंचुरी
साल 2006-2007 में उन्होंने दिलीप ट्रॉफी से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया. साल 2012 में जडेजा तीन फर्स्ट क्लास ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले भारत के पहले और इतिहास के 8वें खिलाड़ी बने. साल 2008-2009 रणजी ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन करके वो नेशनल चयनकर्ताओं की नजरों में आए. उन्होंने उस सीजन में 42 विकेट लिए और 739 रन बनाए थे. इसके बाद उन्हें श्रीलंका दौरे के लिए वनडे सीरीज के लिए चुना गया.
जडेजा का इंटरनेशनल क्रिकेट में आगाज
फरवरी 2009 में जडेजा ने इंटरनेशनल डेब्यू किया. इसके बाद जडेजा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इंटरनेशनल डेब्यू से पहले उन्होंने 2008 में आईपीएल में कदम रख लिया था. पहले सीजन में वो राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा थे. उन्होंने 2008 में राजस्थान को पहली बार खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद वो 2012 में चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़े. साल 2022 में एमएस धोनी ने उन्हें चेन्नई की कप्तानी भी सौंप दी थी. हालांकि उन्होंने कुछ मैचों के बाद ही कप्तानी धोनी को लौटा दी, मगर आईपीएल के साथ साथ भारतीय क्रिकेट में अभी भी जडेजा का जलवा बरकरार है.
जडेजा का इंटरनेशनल करियर
फॉर्मेट | मैच | बैटिंग | 100/50 | बॉलिंग |
वनडे | 197 | 2756 | 0/13 | 220 |
टेस्ट | 72 | 3036 | 4/20 | 294 |
टी20 | 66 | 480 | 0/0 | 53 |
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